
नगरनार से कोड़ेनार तक फैलेगा नया विद्युत नेटवर्क (Photo source- Patrika)
Electricity Network: बस्तर जिले में विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। राज्य शासन द्वारा स्वीकृत 240 करोड़ रुपए की लागत से जिले में उच्च क्षमता की विद्युत अधोसंरचना विकसित की जाएगी। इस परियोजना के अंतर्गत जिले में न केवल अतिरिक्त पारेषण व्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को स्थिर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
परियोजना के प्रमुख घटकों में 400 केवी क्षमता का अतिरिक्त उपकेन्द्र, 500 एमवीए क्षमता के 400/220 केवी ट्रांसफॉर्मर तथा 132/33 केवी उपकेन्द्रों की स्थापना शामिल है। ये उपकेन्द्र जगदलपुर, कलचा नगरनार और कोड़ेनार क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे, जो बस्तर संभाग के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति की रीढ़ साबित होंगे।
विद्युत आपूर्ति की बढ़ती मांग को मिलेगा समाधान: बस्तर जिले में विगत वर्षों में औद्योगिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है। विशेषकर नगरनार इस्पात संयंत्र, खाद-बीज उत्पादन इकाइयाँ, कोल्ड स्टोरेज, और माइक्रो-उद्योगों की बढ़ती संया ने विद्युत मांग में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसके अतिरिक्त, स्मार्ट मीटरिंग, ई-वाहनों, सोलर ग्रिड्स और डिजिटल सेवाओं के कारण भी बस्तर क्षेत्र में बिजली की खपत में लगातार इजाफा हो रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में वोल्टेज की कमी, फॉल्ट और लोड शेडिंग जैसी समस्याएं बनी रहती हैं। नये ट्रांसफार्मरों एवं उपकेन्द्रों की स्थापना से इन समस्याओं का समाधान होगा और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। बिजली विभाग द्वारा इस परियोजना को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। प्रारंभिक स्तर पर भूमि चयन, डिजाइनिंग, तकनीकी स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2025 के अंत तक प्रमुख उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
ग्राम पंचायतों, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य उपकेन्द्रों और किसानों के लिए सिंचाई पंपों की निर्बाध विद्युत आपूर्ति से ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। कई ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से कमजोर ट्रांसफॉर्मर और पुराने वितरण तंत्र के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित रहती थी। इस परियोजना से इन समस्याओं का स्थायी समाधान संभव होगा।
केवी: 400 केवी क्षमता का अतिरिक्त उपकेन्द्र, 500 एमवीए क्षमता के 400/220 केवी ट्रांसफॉर्मर होंगे स्थापित
बस्तर संभाग में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने में बिजली की सतत उपलब्धता एक बड़ा कारक है। नगरनार स्टील प्लांट के पूर्ण संचालन के साथ ही साथ अन्य औद्योगिक परियोजनाओं को यदि पर्याप्त और स्थायी विद्युत आपूर्ति मिलेगी, तो क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी। उद्योगों के सशक्तिकरण से स्थानीय रोजगार को भी बल मिलेगा।
रोजगार, तकनीक और बिजली से बस्तर को मिलेगी ताकत, विकास को मिलेगी रफ्तार
एसके ठाकुर, कार्यपालक निदेशक: हमारा लक्ष्य सिर्फ बिजली पहुंचाना नहीं, बल्कि हर घर, हर खेत, हर उद्योग को गुणवत्ता पूर्ण और भरोसेमंद विद्युत सेवा उपलब्ध कराना है। इस परियोजना से बस्तर की अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी और इससे सामाजिक-आर्थिक बदलाव आएगा।
Electricity Network: इस परियोजना से न केवल बस्तर के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, बल्कि निर्माण कार्यों के दौरान स्थानीय स्तर पर तकनीकी श्रमिकों, इंजीनियरों, ठेकेदारों और श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके साथ ही, विद्युत विभाग द्वारा संभावित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को विद्युत अधोसंरचना के संचालन और अनुरक्षण का व्यावसायिक ज्ञान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
Published on:
26 Jul 2025 12:14 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
