
दंतेवाड़ा . संचार क्रांति और प्राइवेट कुरियर से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच एक सरकारी चिट्ठी को संभाग मुख्यालय जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक महज 87 किमी की दूरी तय करने में पूरे 23 दिन लग गए। डाक विभाग की लापरवाही का यह नमूना दंतेवाड़ा में दिखाई पड़ा। दरअसल, संभागीय जनसंपर्क कार्यालय से 22 जुलाई को एक सरकारी पत्र डिस्पैच कर जगदलपुर के डाकघर से एसपी कार्यालय दंतेवाड़ा भिजवाया गया था। करीब 23 दिन तक चिट्ठी का कोई जवाब नहीं मिलने पर संबंधितों ने वजह का पता लगवाना शुरू किया, तो पता चला कि चिठ्ठी एसपी दफ्तर ही नहीं पहुंची, तो जवाब कैसे भिजवाया जाता। इसके बाद चिट्ठी की पतासाजी शुरू हुई, तो चिट्ठी 13 अगस्त को उप डाकघर दंतेवाड़ा में ही मिली। इसके बाद संबंधित व्यक्ति ने ही खुद चिट्ठी को एसपी दफ्तर पहुंचाया। तब जाकर प्रक्रिया आगे बढ़ी।
वर्कलोड का असर
करीब 14 हजार की आबादी वाले जिला मुख्यालय में चिट्ठी बांटने के लिए उप डाकघर में एक नियमित पोस्टमैन और एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी तैनात हैं। जिनमें से एक का डंकनी नदी के इस पार मुख्य शहर में और दूसरे को नदी के दूसरी तरफ स्थित मोहल्लों, कलेक्ट्रेट वाले इलाके में चिट्ठी बांटने की जिम्मेदारी दी गई है।
स्टाफ की कमी थी, जिससे दिक्कतें आ रही थीं। इस वजह से रक्षाबंधन से दो ग्रामीण डाक सेवकों को लगाया गया है। जिसे भी कोई दिक्कत हो वो लिखित शिकायत कर सकते हैं।
- वीरेंद्र कुमार ककरेलिया, पोस्टल इंस्पेक्टर, दंतेवाड़ा
Published on:
26 Aug 2021 03:37 pm
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