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Heart attack in winters: ठंड के दिनों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा…

Heart attack in winters: हार्ट अटैक का कारण बनने वाले कुछ फैक्टर सभी को मालूम होते हैं। मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जानलेवा दौरे का खतरा बढ़ा देते हैं। इसी तरह, धूम्रपान और सुस्त जीवन शैली भी बड़े फैक्टर में शामिल हैं।

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Heart attack in winters

जगदलपुर एमडी मेडिसिन मेकाज, डॉ नवीन दुल्हानी: लगातार सिटिंग से सेमिक्रिटिकल मामलों में हार्ट अटैक और अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है। ड्राइविंग कर लंबा सफर करने वालों को भी स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराते रहना चाहिए। साथ ही जीवन रक्षक दवाइयां सार्बिटेट, इकोस्प्रिंन टैबलेट अनिवार्य रूप से रखना चाहिए।

Heart attack in winters

ठंड में बढ़ जाता है खतराहृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। (Heart attack in winters) ठंड का मौसम होने के कारण लोग पानी भी कम पीते हैं। झटके में उठना, वार्मअप किए बगैर भारी-भरकम एक्सरसाइज करने लगना या तेजी से दौड़ना आदि से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। साल में एक बार अनिवार्य रूप से टीएमटी, कोलेस्ट्रॉल, ईको टेस्ट, ईसीजी करानी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे लोग जिनका हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास है, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज है उन्हें ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए।

Heart attack in winters

नींद की कमीअगर नींद की कमी की आदत डाल ली जाए तो थकान के साथ चिड़चिड़ेपन की भी समस्या हो सकती है लेकिन ये हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा देता है। रिसर्च के मुताबिक, जो लोग छह घंटे से कम नींद लेने के आदी होते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले दोगुना बढ़ जाता है। नींद की कमी ब्लड प्रेशर में इजाफा करती है और दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं होता।

Heart attack in winters

माइग्रेनमाइग्रेन को आधे सिर का दर्द भी कहा जाता है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों को अन्य लोगों के मुकाबले हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। खासकर दिल की परेशानी का संकेत उस वक्त ज्यादा हो जाता है जब आधे सिर के दर्द में अजीब आवाज सुनाई दे।

Heart attack in winters

अस्थमाअगर किसी को फेफड़े की बीमारी है तो हार्ट अटैक का खतरा भी 70 फीसदी तक बढ़ जाता ह। इन्हेलर से काबू करने पर भी ये खतरा सामान्य से ज्यादा होता है। इसकी वजह ये है कि अस्थमा के कारण अक्सर लोग सीने की घुटन को नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि ये हार्ट अटैक का शुरुआती लक्षण हो सकते है।

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नजला, जुकामप्रतिरोधक तंत्र नजले या जुकाम का सामना कर रहा होता है, तो उससे होनेवाली सूजन दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, सांस की नली का संक्रमण हार्ट अटैक का दोगुना खतरा बढ़ा देता ह। ऐसे में सर्दियों के दौरान नजला जुकाम होने पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।