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इस मासूम बालिका पर आज सवार होगी काछन देवी, कांटो के झूले पर लेटकर बस्तर को देंगी ये अनुमति

75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का आज महत्वपूर्ण दिन है।

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इस मासूम बालिका पर आज सवार होगी काछन देवी, कांटो के झूले पर लेटकर बस्तर को देंगी ये अनुमति

इस मासूम बालिका पर आज सवार होगी काछन देवी, कांटो के झूले पर लेटकर बस्तर को देंगी ये अनुमति

जगदलपुर. 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरे का सबसे महत्वपूर्ण विधान काछनगादी के पारंपरिक रस्म की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस साल काछनगादी विधान में खास यह होगा की चौथी बार बड़े मारेंगा की ९ वर्षीय अनुराधा दास काछनदेवी बनेगी। पिछले तीन सालों से अनुराधा ही काछनदेवी के रूप में बस्तर दशहरा निर्विघ्न कराने की अनुमति दे रही है।

एक दिन पूर्व राहमहल में हुई रस्में
शनिवार को काछनदेवी का शृंगार कर उसे कांटों के झूले में लिटाया जाएगा। मान्यता है कि काछनगादी विधान के दिन अनुराधा पर काछनदेवी सवार होंगी। इसके बाद देवी दशहरा बनाने के लिए आर्शीवाद देंगी। अनुराधा काछनगुड़ी पहुंच गई हैं। उनके साथ गुरुमाई, सिरहाइन और सहायक पुजारी भी पहुंचे हैं। काछनगादी के एक दिन पहले राजमहल में रस्में की गईं, जिसमें काछनगादी विधान के लिए आवश्यक पूजा का सामान दिया गया। इस दौरान राजा कमल चंद्र भंजदेव भी मौजूद थे।

पांचवी कक्षा में पढ़ती है अनुराधा
अनुराधा बड़े मारेंगा के स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ती है। उसके परिवार के लोगों ने बताया कि हर साल वे पर्व के बाद खाली हाथ वापस जाते हैं, जबकि उन्हें वेतन देने की बात भी कही गई थी। पुजारी सुकलु दास ने बताया उन्हें सिर्फ चावल-दाल ही दिया जाता है, जबकि पूरा परिवार महीनेभर यहीं रहकर पूजा-अर्चना करता है।