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पहली बार जानिए- बोर्ड परीक्षा के सैकड़ों सेंटर एक रूम से कैसे होते हैं कंट्रोल

प्रश्न पत्र बांटने में दिक्कत हो या नकल प्रकरण मिल जाए, हर समस्या का एक ही हल- कंट्रोल रूम

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पहली बार जानिए- बोर्ड परीक्षा के सैकड़ों सेंटर एक रूम से कैसे होते हैं कंट्रोल

डीईओ कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में मौजूद प्रभारी व अन्य।

जगदलपुर। कंट्रोल रूम से बोले रहे हैं सर, अनुपस्थित छात्र की ऑनलाइन एंट्री करने में दिक्कत हो रही है कैसे करें? प्रश्न पत्र बांटने में भी दिक्कत है मार्गदर्शन करें। कुछ इसी तरह की समस्याओं और सवालों के कॉल बोर्ड परीक्षा के कंट्रोल रूम तक आ रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बोर्ड परीक्षाओं के लिए कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। शनिवार को पत्रिका की टीम ने कंट्रोल रूम पहुंचकर वहां चल रहे कामकाज को समझने और उसे अपने पाठकों तक पहुंकचाने की कोशिश की है। हम पहली बार इस रिपोर्ट के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि एक रूम से कैसे जिले के १०१ परीक्षा केंद्रों को कंट्रोल किया जाता है। कंट्रोल रूम के प्रभारी रियाज अली करीत गांव स्कूल में व्याख्याता हैं और पिछले सात सालों से वे कंट्रोल रूम को संभाल रहे हैं। इस बार भी उनकी ड्यूटी लगाई गई है। रियाज अली ने हमें विस्तार से बताया कि किस तरह से एक कमरे से बोर्ड परीक्षा की सारी गतिविधि को संभाला जाता है। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम की स्थापना १६ फरवरी को ही कर ली गई थी। इसके ठीक एक सप्ताह बाद प्रश्न पत्रों का बस्तर हाई स्कूल से वितरण शुरू हुआ। यहीं से कंट्रोल रूम का काम शुरू हो जाता है। वितरण से लेकर प्रश्न पत्रों के संबंधित थाने तक पहुंचने में कंट्रोल रूम का रोल होता है। जब थाने से प्रश्न पत्र पहुंचने की सूचना आ जाती है तब कंट्रोल रूम बस्तर हाई स्कूल से हटता है। इसके बाद डीईओ ऑफिस के कमरे से काम शुरू होता है। दो व्याख्याता और दो अन्य कर्मचारियों के साथ कंट्रोल रूम काम कर रहा है। अगर कहीं प्रश्न पत्र बांटने में दिक्कत हो या कहीं नकल प्रकरण निकल जाए तो हर समस्या का समाधान कंट्रोल रूम करता है। सभी केंद्रों को कंट्रोल रूम का नंबर दिया गया है। केंद्र से एक फोन आते ही समस्या को हल कर दिया जाता है।

101 केंद्रों के लिए बना वाट्सएप ग्रुप यही सारा ब्योरा दिया जाता है
रियाज अली बताते हैं कि जिले के 101 परीक्षा केंद्रों के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसी ग्रुप में सभी केंद्र छात्रों की उपस्थिति और अनुपस्थिति का ब्योरा देते हैं। यहीं पर अगर कोई नकल प्रकरण मिल जाए तो उसकी जानकारी भी निर्धारित प्रपत्र में भरकर भेजी जाती है। बाद में उसकी मूल प्रति भी कार्यालय भेजी जाती है लेकिन शुरुआत में सारा काम तेजी से हो इसलिए वाट्सएप ग्रुप का उपयोग किया जाता है। वाट्सएप ग्रुप की वजह से सभी केंद्रों को एक समय पर दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं। ग्रुप में मिले ब्योरा को माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर को हर दिन ई मेल किया जाता है।

उडऩदस्ता को हर दिन रूट चार्ट भी कंट्रोल रूम देता है
बड़े अधिकारियों के उडऩदस्ते को छोड़ दिया जाए तो हर दिन जिले के १९ उडऩदस्ता दल को रूट चार्ट कंट्रोल रूम से ही दिया जाता है। इसका सीधा मतलब यह है कि किस स्कूल में कौन सा दल जाएगा यह कंट्रोल रूम से ही बताया जाता है। बाकी दलों के का निरीक्षण अधिकारियों के स्तर पर गोपनीय होता है। अधिकारी खुद तय करते हैं कि उन्हें किस स्कूल में जाना है। डीईओ कार्यालय के दल ने बीते दो दिनों में १९ स्कूलों का निरीक्षण किया है। हालांकि इस दौरान एक भी नकल प्रकरण सामने नहीं आया है।

सभी केंद्रों में डूयटी का निर्धारण भी कंट्रोल रूम ही करता है
किस परीक्षा केंद्र में किसकी ड्यूटी लगाई जानी है और अगर किसी को इमरजेंसी हो तो उसकी छुट्टी का निर्णय भी कंट्रोल रूम से ही होता है। डीईओ के माध्यम से इसमें निर्णय लिया जाता है। अगर किसी केंद्र में केंद्राध्यक्ष बीमार पड़ जाए तो उसके लिए तात्कालिक व्यवस्था बनाने का काम भी कंट्रोल रूम ही करता है। साथ ही केंद्र के अन्य स्टाफ की ड्यूटी का चार्ट भी कंट्रोल रूम ही तैयार करता है। कंट्रोल रूम हर दिन अपनी सारी गतिविधि की जानकारी बोर्ड को भी देता है।

अब तक प्रश्न पत्र से जुड़ी ऑनलाइन एंट्री की शिकायत आई
कंट्रोल रूम तक इस बार अब तक प्रश्न पत्र वितरण से जुड़ी शिकायत आई है। दरअसल बोर्ड ने इस बार एक ही लिफाफे में सभी सेट के प्रश्न पत्र भेजे हैं जिसे खोलने के बाद कई केंद्रों में असमंजस की स्थिति बनी। तब कंट्रोल रूम ने इसका समाधान किया। इसके साथ ही अनुपस्थित छात्रों की ऑनलाइन एंट्री से ज़ुड़ी शिकायत का भी समाधान किया गया है। इसके अलावा कंट्रोल रूम ने परीक्षाएं शुरू होने से पहले सभी केंद्राध्यक्षों और सहायक केंद्राध्यक्षों की एक ऑनलाइन बैठक भी ली थी ताकि उनकी शंकाओं का समाधान किया जा सके।