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Landslide on Railway Line: बस्तर में भारी बारिश का कहर.. पटरी पर गिरा पहाड़ का मलबा, रद्द हुई एक्सप्रेस ट्रेनें

Landslide on Railway Line: दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। इस बीच कोरापुट-किरंदुल रेल लाइन पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते कई ट्रेनें प्रभावित हुई है…

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Landslide on railway line

कोरापुट-किरंदुल रेल लाइन पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है ( Photo - Patrika )

Landslide on Railway Line: बस्तर में बीते तीन दिनों से झमाझम ​बारिश हो रही है। नदी नाले उफान पर है। लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस बीच कोरापुट-किरंदुल रेल लाइन पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है। जानकारी के अनुसार मल्लिगुड़ा और जराटी स्टेशन के बीच भूस्खलन हुआ है। ट्रैक पर पहाड़ का मलबा और भारी पत्थर आ जाने से रेल यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। रेलवे ने तत्काल ट्रेनों को रद्द कर दिया है और ट्रैक पर से मलबे को हटाने का काम किया जा रह है।

Landslide on Railway Line: रद्द हुई ये एक्सप्रेस ट्रेनें

कोरापुट-किरंदुल रेललाइन पर भूस्खलन के बाद कई ट्रेनें प्रभावित हुई। रेलवे ने बताया हीराखंड एक्सप्रेस और किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है। वहीं कुछ और ट्रेनें है​ जो प्रभावित हुई है। अभी वाल्टेयर रेल मंडल की टीम घटनास्थल पर मौजूद है और ट्रैक पर से मलबे को हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।

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रेलवे ने इसके लिए भारी मशीनरी, सैकड़ों मजदूर और संसाधनों को लगाया गया है। ताकि जल्द से जल्द यातायात दूरस्त हो सके। इधर ट्रेन रद्द होने से यात्रियों को बड़ा झटका लगा है। कई यात्री घंटे स्टेशन पर ही ट्रेन का इंतजार करते रहें। हालांकि रेलवे स्थिति को सामान्य करने में लगा हुआ है।

नदी-नालों का जल स्तर तेजी से बढ़ा

बस्तर में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश की गति धीमी है पर वह रुक नहीं रही है इस वजह से नदी-नालों का जल स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। बात करें बस्तर की प्रमुख नदी इंद्रावती की तो इंद्रावती का जल स्तर बुधवार शाम तक वार्निंग लेवल के करीब पहुंच गया। नदी का वार्निंग लेवल 7 मीटर है और पानी 5.40 मीटपर रिकॉर्ड किया गया, यानी पानी वार्निंग लेवल तक पहुंचने से डेढ़ मीटर दूर है।

मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि बारिश का यह क्रम गुरुवार को भी जारी रहेगा। बारिश लगातार होती रही तो पानी वार्निंग लेवल के बाद डेंजर लेवल तक भी पहुंच सकता है। जुलाई महीने की शुरुआत के साथ ही समूचे बस्तर संभाग में बारिश हो रही है। बारिश की वजह से शहर से लेकर गांवों तक का जनजीवन प्रभावित हुआ है।