यह सुरंग बिल्कुल वैसी ही है, जैसा दुनिया ने हमास-इजराइल युद्ध के दौरान देखा था। हमास के आतंकी हवाई हमले से बचने के लिए जिस तरह के सुरंग का उपयोग करते हैं। ठीक उसी तरह की सुरंग नक्सलियों ने भी बनाई है। बस्तर के नक्सली अब आतंकियों की तरह फोर्स पर हमला करने और छिपने की रणनीति बनाने लगे हैं।
नक्सलियों ने बस्तर में अपने लाल आतंक के इतिहास में पहली बार घने जंगल में 120 मीटर लंबी सुरंग बनाई है। जो कि करीब 10 फीट गहरी और 3 फीट चौड़ी है, जिसमें करीब 100 नक्सली हथियारों के साथ आसानी से छिप सकते हैं। बताया जा रहा है कि करीब 2 से 3 महीने पहले ही नक्सलियों ने इसे बनाया है। हालांकि, दंतेवाड़ा पुलिस सर्चिंग करते हुए नक्सलियों के इस सुरंग तक पहुंच गई और इसे ध्वस्त कर दिया है। शेष @ पेज 5
सुरंग तक पहुंची दंतेवाड़ा पुलिस, नक्सलियों से मुठभेड़ भी हुई : दंतेवाड़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी पार रोतड़ पिंडकापाल, बोडगा और ताकिलोड इलाके में हार्डकोर नक्सली कमांडर मल्लेश समेत 25 से 30 नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा से डीआरजी, बस्तर फाइटर्स के जवानों का एक संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया गया था। जवान सर्चिंग करते हुए इंद्रावती नदी पार नक्सलियों के इस ठिकाने पर पहुंचे।
जवानों के आने की खबर मिलने के बाद नक्सलियों ने उन्हें निशाना बनाने के लिए एंबुश लगाया था। फोर्स पर नक्सलियों ने गोलीबारी की, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर दागे। हालांकि, समय रहते जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। जिसके बाद दोनों तरफ से करीब 20 से 25 मिनट तक गोलीबारी हुई। जवानों ने नक्सलियों को खदेड़ दिया। मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं। मुठभेड़ रुकने के बाद इलाके की सर्चिंग की गई, जिसमें कई जगह खून के धब्बे मिले। पुलिस ने दावा किया है कि मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं।
वहीं, लौटते समय जवानों को नक्सलियों के बनाए करीब 4 शहीद स्मारक दिखे। पास में ही नक्सलियों के लगाए स्पाइक भी मिले, जिन्हें जवानों ने ध्वस्त कर दिया। इलाके की जब और सर्चिंग की गई तो पत्तों से ढका हुआ नक्सलियों का बंकर मिला। इस बंकर के अंदर घुसकर जवानों ने सर्चिंग की।
तीन महीने पुरानी है सुरंग बस्तर में नक्सली पुलिस को नुकसान पहुंचाने और अपने छिपने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब नक्सलियों का बनाए बंकर नुमा सुरंग पुलिस को मिली है। इस बंकर का इस्तेमाल मुठभेड़ के बाद छिपने, हथियार और राशन छिपाने के लिए आसानी से किया जा सकता था। पुलिस की माने तो यह सुरंग करीब 3 महीने पुराना है। जिसे बनाने में करीब 1 महीने का वक्त लगा होगा।
ड्रोन हमले से घबराए नक्सलियों ने बनाई सुरंग नक्सली फोर्स पर समय-समय पर ड्रोन हमले का आरोप लगाते रहे हैं। माना जा रहा है कि ड्रोन हमले से घबराए नक्सली इससे बचने के लिए सुरंग बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। फोर्स से आमने-सामने होने वाली लड़ाई में भी सुरंग कारगर हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले वक्त में फोर्स को सर्चिंग में अलग-अलग इलाकों से और सुरंगें मिल सकती हैं।