आकाश शर्मा. रेल मंत्रालय ने पिछले दिनों जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना (New Rail Line) को स्वीकृति दी थी। अब इस प्रोजेक्ट में किस तरह से काम होगा यह भी तय हो गया है। बताया जा रहा है कि पहले चरण में जगदलपुर से कोण्डागांव के बीच 70 किमी के दायरे में लाइन बिछेगी। इसके बाद कोण्डगांव से आगे 70 किमी में बचा हुआ काम पूरा किया जाएगा। दरअसल रावघाट से आगे कांकेर जिले के केंवटी तक लाइन आ चुकी है इसलिए दूसरे चरण काम केंवटी तक होगा और फिर बस्तर का 70 साल पुराना सपना पूरा हो जाएगा।
बदलते बस्तर का यह स्वर्णिम दौर होगा जब बस्तर के लोग ट्रेन से राजधानी रायपुर या देश के किसी अन्य शहर तक पहुंच पाएंगे। बस्तर से अभी भी रेल लाइन गुजरती है लेकिन उसका सफर आसान नहीं है। रायपुर तक पहुंचने के लिए भी 16 से 20 घंटे का सफर ट्रेन से करना पड़ता है। यह प्रोजेक्ट सीधी रेल लाइन के सपने को पूरा करेगा।
रावघाट से आगे दुर्ग जंक्शन तक बस्तर के लोग पहुंचेंगे और उसके बाद वहां से देश के किसी भी शहर की ट्रेन ले पाएंगे। बस्तर में लाल आतंक का दायरा लगातार सिमटता जा रहा है। बदलते बस्तर में अब रेल लाइन बिछाने का काम आसानी से हो पाएगा। पहले नक्सली इस काम में बड़ा बाधा थे। जानकारों का कहना है कि इस बार तय टाइम लाइन में काम हुआ तो साल 2029 तक बस्तर का सबसे बड़ा सपना पूरा हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट में जगदलपुर से कोण्डागांव के बीच जमीन अधिग्रहण का काम पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा फॉरेस्ट क्लीयरेंस के काम में भी कोण्डागांव वन वृत्त जुट चुका है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक खास बात यह भी है कि इसके दोनों चरणों में दोनों छोर से काम चलेगा, यानी जगदलपुर से भी काम होता रहेगा और कोण्डगांव से जगदलपुर के बीच भी ताकि समय पर काम हो सके। इसके बाद दूसरे चरण में भी इसी तरह से काम किया जाएगा।
बस्तर तेजी से बदल रहा है लेकिन अभी भी यहां कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्या बरकरार है। बस्तर के लोग रेल लाइन से दक्षिण भारत से तो आसानी से जुड़ जाते हैं लेकिन आजादी के इतने सालों के बाद भी यहां के लोग मध्य भारत से नहीं जुड़ पाए हैं। जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद बस्तर में आर्थिक क्रांति आना तय है।
इसके बाद बस्तर में तेजी से औद्योगिक विकास भी होगा। अभी जो लोग बस्तर आने से सिर्फ इसलिए बचते हैं कि यहां आवागमन के उचित साधन नहीं हैं वे भी यहां आएंगे और अपने कामों को विस्तारित करेंगे। इससे बस्तर के स्थानीय लोगों को बड़ा फायदा होगा।
जगदलपुर से रावघाट के बीच काम होने के बाद अगर जगदलपुर से सीधे रायपुर की ट्रेन शुरू होती है तो सात से आठ घंटे में बस्तर के लोग रायपुर पहुंच जाएंगे। 360 किमी का यह सफर बेहद आसानी से पूरा होगा। अभी बस के धक्के खाते हुए लोग सफर करने को मजबूर हैं। रायपुर जाने के लिए बस्तर के लोगों के पास अभी सिर्फ बस का ही विकल्प है। सडक़ मार्ग के अलावा दूसरा विकल्प नहीं होने की वजह से रेल लाइन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
Published on:
17 Jun 2025 03:36 pm