
तीन साल की मेहनत के बाद अब बस्तर के कॉफी की महक फैलेगी पूरे देश में, प्रोसेसिंग यूनिट का भी प्रस्ताव
जगदलपुर. बस्तर अब अपने कॉफी के लिए भी जाना जाएगा। दरभा इलाके में इसा उत्पादन शुरू भी शुरु हो गया है। इसकी पहली फसल भी आ गई है। तीन साल पहले 2017 में प्रायोगिक तौर पर कॉफी का प्लांटेशन किया गया था। अनुसंधान और देखभाल का परिणाम यह रहा कि इस साल 16 किलोग्राम प्रसंस्कृत कॉफी की पैकेजिंग हो गई है। अब क्वालिटी टेस्टिंग के बाद इसे बाजार में उतारे जाने की तैयारी की जा रही है। इस काफी को बस्तर कॉफ ी का नाम दिया गया है।
कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली ने बताया कि बस्तर का मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जिले के दरभा के पास कोलेंग मार्ग पर लगभग 20 एकड़ जमीन पर इसका प्लांटेशन किया गया था। अब पौधों से फ ल आना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि कॉफी की गुणवत्ता अच्छी है। बस्तर में इसके उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए इसमें स्थानीय किसानों की भागीदारी बढ़ायी जाएगी। उन्होंने बताया कि बस्तर में ही कॉफी के प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का भी प्रस्ताव है। इधर उद्यानिकी कालेज प्रबंधन अब इसके लिए पौधरोपण करने नई अन्य जगहों की भी तलाशी में जुटा हुआ है।
अरेबिका व रूबेस्टा के पौधे लगाए गए हैं
इस पूरे प्रोजेक्ट को देखने वाले कृषि विश्वविद्यालय कुम्हरावण्ड के हार्टिकल्चर के प्रोफेसर और अनुसंधान अधिकारी डॉ केपी सिंह ने बताया कि बस्तर में दो प्रजातियों अरेबिका और रूबस्टा काफ ी के पौधे लगाए गए हैं। अरेबिका प्रजाति के पौधों से कॉफ ी के बीजों का उत्पादन प्रारंभ हो गया है। जबकि रूबस्टा से अगले वर्ष से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अरेबिका प्रजाति के पौधों से प्राप्त बीज का ओडिशा के कोरापुट में प्रोसेसिंग कराई गई ह। जिससें 16 किलोग्राम प्रसंस्कृत कॉफ ी का उत्पादन हुआ है। डॉ सिंह ने बताया यहां जो कॉफ ी उत्पादन हो रहा हैए वह फिल्टर कॉफी है। इसके साथ ही बताया कि किसान कॉफ ी की खेती से हर साल 50 हजार 80 हजार प्रति एकड़ आमदनी कमा सकते हैं।
Published on:
10 Jan 2020 01:57 pm
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