
PDS rice scam: बस्तर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत बीते वर्ष सामने आई 15 करोड़ रुपए की स्टॉक गड़बड़ी के बाद इस साल एक बार फिर सभी 485 राशन दुकानों की गहराई से जांच की जा रही है। खाद्य विभाग की टीम ऑनलाइन स्टॉक और दुकानों के गोदामों में उपलब्ध वास्तविक स्टॉक का मिलान कर रही है। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार की हेराफेरी या अनियमितता को रोका जा सके।
पिछले साल स्टॉक पंजी में भारी गड़बड़ी और चावल की हेराफेरी की शिकायतें सामने आने के बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए दोषी संचालकों से करीब 15 करोड़ रुपए की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि अब तक अधिकांश मामलों में रिकवरी पूरी नहीं हो पाई है। इसके बावजूद, राज्य शासन के नए निर्देशों के अनुसार एक बार फिर से सघन जांच शुरू की गई है। बस्तर जिले में पीडीएस प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए यह जांच एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि इस बार भी दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाती है और रिकवरी सुनिश्चित की जाती है, तो यह आने वाले समय में राशन वितरण प्रणाली को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बना सकेगा।
जांच की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें हर दुकान का निरीक्षण कर ऑनलाइन और वास्तविक स्टॉक की तुलना कर रही हैं। इस बार गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।
खाद्य नियंत्रक अधिकारी धनश्याम राठौर ने बताया कि जिले की सभी राशन दुकानों में भौतिक सत्यापन के साथ-साथ डिजिटल आंकड़ों की भी तुलना की जा रही है। विभाग की टीम यह जांच रही है कि जो स्टॉक ऑनलाइन दर्ज है, वह वास्तव में दुकानों और गोदामों में मौजूद है या नहीं।
Published on:
21 Apr 2025 02:57 pm
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