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धर्मातंरण के विरोध में प्रदर्शनकारियों का पंाच घंटे जाम

- नेशनल हाईवे 30 पर बैठे सर्वसमाज से जुड़े लोग करते रहे धर्मांतरण का विरोध।

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- नेशनल हाईवे 30 पर बैठे सर्वसमाज से जुड़े लोग करते रहे धर्मांतरण का विरोध।

- नेशनल हाईवे 30 पर बैठे सर्वसमाज से जुड़े लोग करते रहे धर्मांतरण का विरोध।

कोण्डागांव/बेडमा- धर्मातंरित व्यक्ति के शव को तकरीबन पखवाडेभर पहजले गांव के भीतर ही दफन किये जाने से उपजे विवाद के बाद इसे लेकर विरोध प्रदर्शन करने वालों ने प्रशासन को अल्टीमेंटम भी दिया था। बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों की मांग पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाने के चलते आखिरकार रविवार को सर्व समाज से जुड़े लोगों ने बेडमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के बीचो-बीच बैठकर धर्मातरंण कराने वालों के विरोध में जमकर नारेबाजी करते रहे। रविवार को तकरीबन 12 बजे से चक्काजाम कर बैठे प्रदर्शनकारियों ने आखिरकार प्रशासन से मिले मांग के सबंध में आश्वासन के बाद शाम तकरीबन 5.30 बजे एनएच छोड़ी और बाधित रही बस्तर की लाईफलाईन पर सुचारूरूप् से आवाजाही बाहाल हो पाई। वही सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में पुलिस के जवान भी इलाके में तैनात किये गए थे। दराअसल सितबंर माह में धनोरा के आचला पारा में एक धर्मातंरित व्यक्ति की मौत हो जाने पर परिवार वालों ने गांव में किसी को सूचना दिये बिना ही अपने घर के बाड़ी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। जिसकी सूचना ग्रामीणों को लगने के बाद इसका विरोध इसका विरोध शुरू हुआ था। प्रदर्शन में शामिल पूर्व विधायक भोजराज नाग ने कहा कि, समय-सयम पर धर्मांतरण का विरोध किया जा रहा है, लेकिन जिस तरह से धनोरा इलाके में धर्मातंरित परिवार के द्वारा बगैर सूचना के शव का दफन किया गया है, इससे गांव के देवी-देवताओं को ठेस पहुंचता है। यह हमारी संस्कृति और परम्परा के साथ खिलवाड़ है, जिसका हम विरोध कर रहे है।
यह है प्रदर्शनकारियों की मांग-
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि, मृत धर्मांतरित व्यक्ति के शव को गांव के भीतर दफना गया है उसे निकाला, धर्मातंरण करने में लगे लोगों पर कार्यवाही किया जाए, सहित अन्य मांगे शामिल है। गए शव को निकाला जाए या फिर परिवार के सदस्य अपने मूल धर्म को छोड
डायर्वड मार्गभर पुलिस की रही तैनाती-
नेशनल हाईवे पर चक्काजाम होने से जहॉ राहगीरों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। तो वही प्रशासन ने राहगीरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मार्ग डायवर्ड कर रखा था। और डायर्वड मार्ग में हर जगह पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी। जिससे राहगीरों को काफी सुविधा तो मिली। राजधानी रायपुर की ओर से आने वाले वाहनों को केशकाल से कोरगांव होते हुए बहीगांव निकाला जा रहा था। तो वही जगदलपुर से राजधानी की ओर जाने वाले वाहनों को कोण्डागांव से नारायणपुर होते व बहीगांव से डायर्वडकर सीधे केशकाल निकाला जा रहा था।