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CG Health News: कम उम्र में घेर रहा मधुमेह, बस्तर में तेजी से बढ़ रहे मरीज

CG News: बस्तर में भी मधुमेह यानी शुगर जैसी बीमारी लोगों में तेजी से बढ़ रही है।

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CG Health News: कम उम्र में घेर रहा मधुमेह, बस्तर में तेजी से बढ़ रहे मरीज

CG Health News: कम उम्र में घेर रहा मधुमेह, बस्तर में तेजी से बढ़ रहे मरीज

जगदलपुर। CG News: बस्तर में भी मधुमेह यानी शुगर जैसी बीमारी लोगों में तेजी से बढ़ रही है। हैरत की बात यह है कि इसमें बड़ी संख्या में युवा इसके शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि जीवन शैली में बदलाव व उचित आहार व्यवहार में कमी, मधुमेह की बीमारी बढ़ा सकती है। मधुमेह मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। इससे मरीज को बार-बार प्यास लगना, भूख ज्यादा महसूस होना और बार-बार पेशाब लगने की शिकायत होती है।

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14 से लगेंगे नि:शुल्क परीक्षण शिविर

मधुमेह मरीजों की बढ़ती संख्या पर रोकथाम के लिए 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिले के शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क मधुमेह जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मधुमेह रोग संबंधी जांच की जाएगी। इस दौरान मधुमेह नियंत्रण संबंधी सभी उपायों पर जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा।

10 में से 2 मरीज पहुंच रहे अस्पताल

महारानी अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि हर दिन जिला अस्पताल में 500 से अधिक मरीज आ रहे हैं। लेकिन इसमें करीब 20 फीसदी लोग शुगर के मरीज है। इसमें सबसे चौकाने वाली बात यह है कि कम उम्र के लोग भी इसके मरीज मिल रहे हैं। कम उम्र में इस बीमारी से पीड़ित होना बेहद दुर्भाग्यजनक है।

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एक्सपर्ट व्यू

शरीर का वजन अधिक होना मधुमेह होने का प्रमुख कारण है। कई बार हाई ब्लडप्रेशर भी कारण होता है। अधिक उम्र, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को मधुमेह रोगी होने की संभावना अधिक होती है। लंबे समय तक अनियंत्रित मधुमेह से आंख, गुर्दा, हृदय नलिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान हो सकता है। मधुमेह के कारण आंखों की रक्त धमनियां कमजोर पड़ जाती हैं या उनमें रुकावट आ जाती है, जिससे देखने की क्षमता कम हो जाती है।

डॉ. आरके चतुर्वेदी, सीएमएचओ महारानी अस्पताल

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यह हैं मधुमेह के तीन प्रकार

टाइप 1 : इस प्रकार की शुगर की शुरूआत बच्चों के शरीर में पैंक्रियाज द्वारा इंसुलिन का पुनर्निर्माण न हो पाने की वजह से होती है। इस प्रकार की शुगर में मरीज का इलाज खाने की गोलियों से संभव नहीं होता। उसे अपनी बीमारी को नियंत्रण में रखने व जीवित रहने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है।

टाइप 2 : इसे व्यस्क या बड़े लोगों वाली शुगर भी कहते हैं। टाइप-2 मधुमेह अधिकांश 40 वर्ष या उससे अधिक की आयु के लोगों में होती है और यह जल्दी भी हो सकती है।

टाइप 3 : गर्भावस्था में महिलाओं को होने वाली शुगर है। यदि मधुमेह पीड़ित महिलाओं की ध्यानपूर्वक देखभाल न की जाए तो जटिलताओं का खतरा रहता है। प्रसव के पश्चात मधुमेह स्वयं ही सामान्य हो जाती है।