
जगन्नाथ की रथ यात्रा का बस्तर में बड़ा महत्व (Photo source- Patrika)
Rath Yatra of Jagannath: जगदलपुर प्रति वर्ष अषाढ़ माह की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा इस वर्ष 27 जून से शुरू होगी। जगन्नाथ रथ यात्रा हिन्दूओं के लिए एक प्रमुख त्योहार होता है। इस यात्रा के दौरान, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि आती है। बस्तर में इस पर्व को गोंचा के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को यहां के लोगों में विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर को देखने की इच्छा जताई।
ऐसे में भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर का भ्रमण कराया। इस दौरान वह अपनी मौसी के घर भी 7 दिन तक रुके। यही वजह है कि प्रतिवर्ष अषाढ़ माह की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को निकाली जाती है।
Rath Yatra of Jagannath: ज्योतिषाचार्य पं दिनेश दास ने बताया कि इस वर्ष भगवान जगन्नाथ रथ यात्र के दिन कई योग बन रहे हैं जिनमें सभी तरह के कार्यों पर शुभफल प्राप्त होंगे। इस दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग और हर्षण योग बन रहे हैं। इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन मात्र से सभी मुराद पूरी होने और कई यज्ञों का फल मिलने वाला है।
योगों के अनुसार, रथ यात्रा का शुभ मुहूर्त इस यात्रा को और भी खास बनाता है। रथ यात्रा में शामिल होने से और रथ खींचने से कष्टों का निवारण, मनोकामनाओं की पूर्ति और मोक्ष मिलने के समान शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा जगन्नाथ रथ यात्रा एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है जो भक्तों को भगवान जगन्नाथ के साथ एक विशेष संबंध स्थापित करने में मदद करता है।
Published on:
04 Jun 2025 06:22 pm
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