6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लॉकडाउन में आपदा को बना रहे अवसर: नक्सली पीएलजीए में कर रहे स्कूली छात्र-छात्राओं की भर्ती

कोरोनाकाल मे जहां एक ओर पूरा देश इस कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से हलाकान है। कई परिवार तबाह हो गए है वहीं क्षेत्र में सक्रिय नक्सली (Naxali) इस आपदाकाल को अवसर में बदलने में जुटे हुए है।

2 min read
Google source verification
naxal in chhattisgarh

लॉकडाउन में आपदा को बना रहे अवसर: नक्सली पीएलजीए में कर रहे स्कूली छात्र-छात्राओं की भर्ती

जगदलपुर. कोरोनाकाल मे जहां एक ओर पूरा देश इस कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से हलाकान है। कई परिवार तबाह हो गए है वहीं क्षेत्र में सक्रिय नक्सली (Naxali) इस आपदाकाल को अवसर में बदलने में जुटे हुए है। आंध्रप्रदेश पुलिस की एसआईबी द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) को भेजे गए एक खुफिया रिपोर्ट से सनसनी फैल गई है। खबर है कि नक्सली संगठन पिछले एक वर्ष से स्कूल व शैक्षणिक संस्थान बंद होने की वजह से घर लौटे प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को अपने संगठन में शामिल कर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हुए है।

इन विद्यार्थियों की संख्या लगभग 700 बताई जाती है। इनमें बड़ी संख्या लड़कियों की भी है। इन नए लोगों के लिए नक्सलियों ने अबूझमाड़ में एक माह का प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया था जिसमें कुछ को ट्रेनिंग भी दी गई है। प्रशिक्षुओं में कुछ महाराष्ट्र व ओडिशा के युवा भी शामिल है जिनकी आयु 12 से 18 वर्ष हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. के मुताबिक कोरोना के चलते आश्रम, स्कूल, कालेज सब बंद होने की वजह से अधिकांश बच्चे अपने घरों में लौट आए है। इसलिए ऐसी संभावना से इनकार भी नही किया जा सकता। पर इस संबंध में अब तक पुलिस को कोई शिकायत नही मिली है।

यह भी पढें: छत्तीसगढ़ के 26 जिले में 15 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया, जानें क्या रहेगा खुला क्या बंद

Naxali इनमें से कई युवाओं को नक्सल पंथ के साथ फिजिकल एक्सरसाइज भी सिखाई जा रही है। इसके साथ-साथ जूडो-कराते के भी गुर और कबड्डी, खो-खो और वॉलीबाल की स्पर्धाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

नक्सली बदल रहे रणनीति
नक्सलियों का कोर इलाका जैसे-जैसे घट रहा है उससे नक्सलियों की चिंता भी बढ़ रही है। यही कारण है कि नक्सली अपनी रणनीति में भी लगातार बदलाव करते जा रहे है। बताया जाता है कि अब नक्सली स्कूली छात्रों को प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने साथ जंगल मे ही नही रखते बल्कि कई लड़ाकों को स्कूल में आगे पढ़ने देते है और कुछ को गांवों में रखकर उनसे सिस्टम और पुलिस की निगरानी करवाते है।

यह भी पढें: कोरोना काल में गैर इरादतन हत्या के आरोप में रायपुर के दो डॉक्टर गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

टीसीओसी की अवधि दिसम्बर तक बढ़ाई
पीएलजीए (PLGA) की स्थापना के बीस साल पूरे होने पर नक्सली टीसीओसी की अवधि 25 अप्रैल से बढ़ाकर 24 दिसम्बर तक कर दिए है। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने अपने दस्तावेजों में टीसीओसी की अवधि बढ़ाये जाने की बात भी कही है। बस्तर आईजी के मुताबिक नक्सली टीसीओसी को बढ़ाकर माइंड गेम खेल रहे है। वे पुलिस पर दबाव बनाना चाहते है पर पुलिस किसी भी दबाव में नही आने वाली है। पुलिस सतर्क है तथा नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेंगे।