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छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ियों में स्थित विख्यात ढोलकल शिखर पर स्थापित ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा को भी शरारती तत्वों व मनचलों ने नहीं बख्शा है. पहले इस शिखर पर स्थित पत्थर की ईंटनुमा संरचना को विकृत करने की सूचना मिली थी.
अब काले ग्रेनाइट से निर्मित इस प्रतिमा की सूंड पर खुरचकर किसी ने अपना नाम अंकित कर दिया है। पर्यटन, पुरातत्व विभाग की लापरवाही के चलते मनचलों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। पत्रिका ने 16 सितंबर 2022 को ढोलकल की चट्टानों को विकृत कर रहे मनचले शीर्षक वाली खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसमें इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में लापरवाही को लेकर आगाह किया गया था। इसके बावजूद प्रशासन या पर्यटन, पुरातत्व विभाग ने इस की सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं किया। नतीजतन अब शरारती तत्वों ने प्रतिमा को भी खुरचने का दुस्साहस कर दिखाया है।
ढोलकल ट्रैकिंग के लिए स्थानीय युवाओं का गाइड समूह यहां तैनात है, जो पहाड़ के निचले हिस्से में पार्किंग, कैंपिंग साइट की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही लोगों को गाइड शुल्क लेकर ढोलकल शिखर तक पहुंचाता भी है. लेकिन सुरक्षात्मक उपाय की कमी अब भी बनी हुई है.
ढोलकल शिखर पर ऐतिहासिक प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश पहले भी हो चुकी है. अज्ञात लोगों ने कुछ साल पहले प्रतिमा को खंडित कर दिया था, जिसे बड़ी मशक्कत के बाद जोड़कर फिर से उसके पुराने स्वरूप में लाया गया था. इसके बाद फिर से ढोलकल शिखर की रौनक लौट आई. इस जगह पर खुफिया कैमरे लगाने और अन्य सुरक्षात्मक उपाय करने का निर्णय तत्कालीन अफसरों ने लिया जरूर था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ.
ये हो सकते हैं सही उपाय
इस जगह पर खुफिया सीसी टीवी कैमरों की व्यवस्था कर निरंतर निगरानी करना.
ढोलकल प्रतिमा वाली चट्टान पर चढ़ने को प्रतिबंधित करना.
लोहे की जाली नुमा संरचना बनाकर प्रतिमा को संरक्षित करना.
प्रतिमा से छेड़छाड़ करने वालों की पहचान कर दंडित करना.
Updated on:
04 Nov 2022 12:04 pm
Published on:
04 Nov 2022 11:57 am
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