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बस्तर में पीएचडी गाइड का टोटा, पीजी और दंतेश्वरी कॉलेज के प्रोफसर नहीं ले रहे दिलचस्पी

दोनों कॉलेज के 18 प्रोफेसरों अगर गाइड बनने के लिए आगे आएं तो बढ़ जाए 20 से 25 सीट

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बस्तर में पीएचडी गाइड का टोटा, पीजी और दंतेश्वरी कॉलेज के प्रोफसर नहीं ले रहे दिलचस्पी

पीजी कॉलेज

जगदलपुर। धरमपुरा स्थित संभाग के सबसे बड़े पीजी कॉलेज और दंतेश्वरी गल्र्स कॉलेज में इस वक्त 18 ऐसे प्रोफसर हैं जो पीएचडी करवाने के लिए पात्र हैं। पात्रता के बावजूद इन सभी प्रोफेसरों ने पीएचडी गाइड बनने की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है। या कहें किसी ने भी गाइड बनने में दिलचस्पी नहीं ली है। दोनों कॉलेज के एक भी प्रोफेसर ने अब तक पीएचडी गाइड बनने के लिए बस्तर विवि को आवेदन नहीं किया है। मालूम हो कि विवि इन दिनों पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए लगातार आवेदन आ रहे हैं। आवेदनों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन गाइड की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। गाइड की कमी की वजह से ही विवि 80 सीटों के साथ पीएचडी करवाने जा रहा है। अगर इन दो प्रमुख कॉलेज के प्रोफेसर भी पीएचडी गाइड बनने के लिए तैयार हो जाते हैं तो 20 से 25 छात्र और पीएचडी कर पाएंगे। दोनों ही कॉलेज में सीनियर और जानकार प्रोफेसर हैं जो शोधार्थियों के लिए अच्छे गाइड हो सकते हैं लेकिन वे इस काम से दूर ही रहना चाहते हैं।

पीजी कॉलेज का शोध केंद्र हो चुका बंद
पीजी कॉलेज में पूर्व में एक शोध केंद्र संचालित हो रहा था। यहां प्रोफेसर विजय बघेल शोध निदेशक के तौर पर छात्रों को गाइड कर रहे थे, लेकिन इनके निधन के बाद कॉलेज के किसी भी प्रोफेसर ने शोध निदेशक बनने के लिए आवेदन नहीं किया है। ऐसे में यहां का शोध केंद्र फिलहाल बंद हो चुका है। यहां १३ अगल-अलग पीजी कोर्स के प्रोफेसर हैं जो पीएचडी गाइड बनने की पात्रता रखते हैं लेकिन वे आगे नहीं आ रहे हैं।

पिछली बार दंतेश्वरी कॉलेज से दो प्रोफेसर ने करवाई पीएचडी
पिछली बार दंतेश्वरी कॉलेज से दो प्रोफेसरों ने शोधार्थियों की पीएचडी पूरी करवाई थी। इन शोधार्थियों को पीएचडी अवार्ड भी हो चुका है, लेकिन इस बार इसी कॉलेज से एक भी प्रोफेसर गाइड बनने को तैयार नहीं है। अगर दंतेश्वरी कॉलेज पांच प्रोफेसर पीएचडी करवाने के लिए तैयार हो जाएं तो पांच से सात शोधार्थियों का पीएचडी करने का सपना पूरा हो सकता है।

गाइड नहीं बनने से कॉलेज की नैक ग्रेडिंग पर भी पड़ता है असर
अगर किसी कॉलेज में एक भी प्रोफेसर पीएचडी गाइड नहीं है तो इसका असर नैक की ग्रेडिंग पर भी पड़ता है। यह बात सभी कॉलेज अच्छे से जानते हैं। कॉलेज अपनी ओर से नैक को भेजी जाने वाली एसएसआर रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी होता है। नैक की टीम जब विजिट करती है तो कॉलेजों से पीएचडी की संख्या बढ़ाने भी कहती है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं देने से कॉलेज की ग्रेडिंग पर बुरा असर पड़ता है।


पीजी कॉलेज में इस कोर्स के प्रोफेसर बन सकते हैं गाइड
एमए/एमएससी एंथ्रपलॉजी, एमएससी फूंड एंड न्यूट्रीशन, एमए पॉलिटिकल साइंस, एमए सोशलॉजी, एमए एंसियंट इंडियन हिस्ट्री, एमए हिस्ट्री, कल्चर एंड आरकॉजी।

दंतेश्वरी में इतने कोर्स के प्रोफेसर के पास गाइड की पात्रता
एमए पॉलिटिकल साइंस, एमएससी होम साइंस, एमए एंथ्रपलॉजी, एमए एनसियंट इंडियन हिस्ट्री, एमए सोशलॉजी।