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नामांकन पत्रों की जांच में छोटे दलों को लगा बड़ा झटका

पहले चरण के 458 नामांकन पत्रों में से 65 को किया खारिजनियमों की सही जानकारी न होना बना मैदान से बाहर होने का कारणआम आदमी पार्टी के सबसे ज्यादा प्रत्याशियों के पर्चे हुए खारिज

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नामांकन पत्रों की जांच में छोटे दलों को लगा बड़ा झटका

dil ke arman

जगदलपुर, छत्तीसगढ़ राज्य की छठवीं विधानसभा और पांचवें चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे छोटे दलों को नामांकन पत्रों की जांच में बड़ा झटका लगा है। पहले चरण में दाखिल हुए कुल 458 नामांकन पत्रों की जांच में 65 को रिटर्निंग अधिकारी ने तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया। चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही आउट हुए इस खिलाड़ियों ने निर्वाचन आयोग के निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया और पर्चा भरने में तकनीकी कमी छोड़ दी। इस चरण की जांच में सबसे बड़ा झटका प्रदेश में तीसरी ताकत बनने का मंसूबा पाले आम आदमी पार्टी को लगा। इसके थोकभाव में पर्चा खारिज किए गए। हालांकि अभी दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए जा रहे हैं और दूसरे चरण में सर्वाधिक 70 सीटों पर मतदान होना है। यदि यही गल्तियां छोटे दल के प्रत्याशी दोहराएंगे तो नुकसान बहुत बड़ा हो जाएगा।
11 विधानसभाओं में 13 के नामांकन पत्र खारिज हुए
आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ने को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी थी। बताया जा रहा है कि अधिकतर सीटों पर इसके दो-दो दावेदारों ने दो-दो सैट दाखिल किए थे। इसका आशय सीधा है कि एक प्रत्याशी का किसी कारण से पर्चा खारिज हो जाता है तो दूसरा मैदान में टिका रहेगा। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान पाया गया कि बीस में से 11 विधानसभों में इनके पर्चा खारिज हुए हैं। दो विधानसभा तो ऐसी रही जिसके दोनों दावेदारों के नामांकन पत्र रिटर्निंग अधिकारी ने खारिज किए।
इन दलों के पर्चा हुए खारिज
विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडिया प्रजाबंधु पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ, आम आदमी पार्टी, आजाद जनता पार्टी, हमरराज पार्टी, शिवसेना, सर्व आदि पार्टी, समाजवादी पार्टी, भारतीय चेतना शक्ति पार्टी, जौहर छत्तीसगढ पार्टी, छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, राष्ट्रवादी भारत पार्टी, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी आदि प्रमुख हैं।

समर्थकों के नहीं मिले हस्ताक्षर
रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जांच के समय पाया कि आयोग द्वारा तय प्रस्तावक के हस्ताक्षर कई नामांकन पत्रों पर नहीं पाए गए थे। इस कारण नामांकन पत्र निरस्त किए गए तो कई आवेदन पत्रों में एक ही पार्टी से दो लोगों ने पर्चा दाखिल किया। इस स्थिति में फार्म बी वाले नामांकन को वैध मानते हुए अन्य को खारिज किया गया।
प्रदेश में कब कितने खारिज हुए नामांकन पत्र
वर्ष नामांकन पत्र दाखिल खारिज
2003 1160 213
2008 1430 177
2013 1310 183
2018 1648 170

इस सीट से इनके हुए पर्चा खारिज
दंतेवाड़ा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सूरज, इंडिया प्रजाबंधु पार्टी के लखमा कोर्राम के दो सैट, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से राजू कर्मा के दो सैट, आम आदमी पार्टी के मंशाराम।
भानुप्रतापपुर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्वराज मांडवी, आम आदमी पार्टी से देवलाल के दो सैट, आम आदमी पार्टी के देवलाल नरेटी।
नारायणपुर से आजाद जनता पार्टी के कमलेश कुमार, हमरराज पार्टी के रामलाल, आम आदमी पार्टी के नरेंद्र कुमार नाग के दो सैट।
कोंडागांव से शिवसेना के घनश्याम मरकाम, हमर राज पार्टी के पिंकू, आजाद जनता पार्टी के शिवलाल, सर्व आदि पार्टी के ज्ञान प्रकाश कोर्राम।
बीजापुर से आम आदमी पार्टी के प्रवेन्द्र।
कर्वधा से समाजवादी पार्टी के मोहित कुमार साहू, आम आदमी पार्टी की आकांक्षा सिंह के दो सैट, निर्दलीय आनंद कुमार के दो सैट, पुष्पलता जोशी, मिलाप सिंह नेताम, आशीष, तिमिर चंद्र।
पंडरिया सीट से भारतीय जनता पार्टी के विश्वेश्वर पटेल, आम आदमी पार्टी के अनिल नवरंग के दो सैट, आम आदमी पार्टी से चमेली, शिवसेना से नरेंद्र तिवारी के दो सैट, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के रमेश राजपूत, जौहर छत्तीसगढ पार्टी से भगवती, छत्तीसगढ महतारी पार्टी से शत्रुघ्न प्रसाद, राष्ट्रवादी भारत पार्टी से तिलबाई, हीरेंद्र, पुनीत डेंगर, सत्यप्रकाश।
जगदलपुर से आम आदमी पार्टी के शुभम सिंह।
अंतागढ़ से आम आदमी पार्टी के कुंवर सिंह।
राजनांद गांव से भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के डा. गोलू पॉल, जनता कांग्रेस के शमशुआलम, निर्दलीय गोपेश, राजेश कुमार देशमुख, अजय, डा कैलाश।
चित्रकोट से आम आदमी पार्टी के दंतीराम पोयाम, जनता कांग्रेस से भारत कश्यप, निर्दलीय सोनू, रामू राम।
खैरागढ़ से जनता कांग्रेस के नरेंद्र सोनी।
केशकाल से आम आदमी पार्टी के देवलाल नेताम।
मोहला मानपुर से कांग्रेस के हरिश्चंद्र के दो।
डोंगरगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के राजे

एक्सपर्ट व्यू

निर्वाचन आयोग ने एक बुकलेट जारी की है, इसमें नामांकन पत्र भरने की पूरी जानकारी व आवश्यक दस्तावेज बताए हैं। फार्म को इसी के आधार पर किसी अधिवक्ता से भरवाया जाना चाहिए। छोटे दल अथवा निर्दलीय ने फार्म भरा है तो नोटरी अधिवक्ता का दायित्व बनता है कि वह फार्म को अच्छी तरह से जांच ले, क्योंकि जिम्मेवारी अंत में उसी की होती है। कई बार नामांकन भरते समय प्रत्याशी अधूरे अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करते हैं और फार्म में देनदारी शून्य दर्शा देते हैं अथवा कॉलम को छोड़ देते हैं। कर्ज चुकाता प्रमाण पत्र न देना भी एक कारण होता है।

साकेत दुबे, वरिष्ठ अधिवक्ता