बस्तर हाई स्कूल व डिमरापाल आश्रम में रोजाना चार घंटे ले रहे क्लास, एआई तकनीक के उपयोग से 5 से लेकर हाईस्कूल तक के बच्चे पढ़ रहे
जगदलपुर . बस्तर हाई स्कूल के मिडिल स्कूल परिसर में एक कक्ष का माहौल पूरे स्कूल से अलग है। इस कक्ष में अवकाश के बाद एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी बिना सिलेबस, बिना कापी- पुस्तक व बिना पेन के पढ़ाई में मगन नजर आते हैं। इस क्लास रुम में अध्ययन के लिए ब्लैक बोर्ड व चाक का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि टीवी स्क्रीन पर अध्यापन का काम हो रहा है।
स्क्रीन पर एक के बाद एक सवाल व उससे जुड़ेे हुए सैकड़ों जवाब फटाफट दिखाई देते रहते हैं। यह सारा कमाल यहां पुलिस सर्विस में डीआईजी पद से रिटायर्ड धर्मेंद्र गर्ग कर रहे हैं। वे अपने लैपटाप व स्क्रीन को अटैच कर बच्चों के सवालों का जवाब देते रहते हैं। हाईस्कूल के इस कक्ष का नाम भारत रत्न अब्दूल कलाम के नाम पर रखा गया है। यहां रोजाना चार घंटों तक विद्यार्थियों को गणित व विज्ञान के सवालों को हल करने के टिप्स बताए जा रहे हैं। बीते तीन महीनों से धर्मेंद्र गर्ग की यह कक्षा बिना अवकाश के निर्बाध चल रही है। मीडिया से दूर भागने वाले धर्मेद्र गर्ग ने बताया कि बस्तर के छात्रों में बेहद प्रतिभा है जरुरत है विज्ञान व गणित के प्रति इनके मन से भय को हटाकर इसके आसान तरीकों को समझाया जा रहा है।
धर्मेंद्र गर्ग ने बताया कि वे प्राचार्य बी रामकुमार से मिले। उन्हें यहंा पढ़ाने की इच्छा जाहिर की। इसके लिए स्कूल ने अब्दूल कलाम कक्ष उन्हें दिया है। यहां पर तीस से ज्यादा सीटें हैं। प्रत्येक दिन वे अपने लेपटाप के साथ पहुंचते हैं। यहां उन्होंने एक टीवी स्क्रीन लगा रखी है। इससे यह कमरा स्मार्ट क्लासरूम बन गया है। इलेक्ट्रॉनिक पेन के माध्यम से वे छात्रों की जिज्ञासा को शांत करते हैं। स्क्रीन पर पढ़ाने से समय की भी बचत होती है । इंटरनेट से डाउनलोड स्टडी मटेरियल व डायग्राम के जरिए छात्र जल्द समझ जाते हैं। इतना ही नहीं गर्ग उन्हें अमेरिका, ब्रिटेन में बसे अपने परिचित शिक्षकों केलेक्चरर व सफल लोगों से संपर्क करवाकर बात भी करवाते हैँ। इससे विद्यार्थी उनकी कक्षा में बिना डर-भय के बैठते हैं। उन्होंने कहा यहां इच्छुक विद्यार्थी फ्री में शिक्षा ले सकते हैं।