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सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल 6 साल बाद भी अधूरा

Jagdalpur News: पहला सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल खोलने का फैसला तो ले लिया, लेकिन आज छह साल बीत जाने के बाद भी अब तक यह शुरू नहीं हो सका है।

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Super Specialty Hospital incomplete even after 6 years Jagdalpur

सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल 6 साल बाद भी अूधरा

जगदलपुर। Chhattisgarh News: बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए सरकार ने भले पहला सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल खोलने का फैसला तो ले लिया, लेकिन आज छह साल बीत जाने के बाद भी अब तक यह शुरू नहीं हो सका है। इतना ही नहीं इसी लेट लतीफी की वजह से इस अस्पताल के लिए निकाली गई विशेषज्ञों की भर्ती भी अटक गई है। इनकी भर्ती के लिए सरकार ने मार्च 2022 में विज्ञापन निकाला था, लेकिन अब तक अस्तपाल ही बनकर तैयार नहीं हुआ है ऐसे में इनकी भर्ती प्रक्रिया भी अटक गई है। वहीं दूसरी तरफ बसतरवासियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी जरा सी बीमारी के लिए विशेषज्ञों से इलाज के लिए दूसरे राज्यों या फिर जान से हाथ धोकर चुकानी पड़ रही है।

कोरोना की वजह से हुई देरी

जानकारी के अनुसार दिसंबर 2018 से बन रहे अस्पताल में 85 फीसदी निर्माण पूरे हो चुके हैं। शेष 15 फीसदी काम अगले वर्ष यानी कि मार्च 202 तक पूरे होने की संभावना है। यूं तो अस्पताल को फरवरी 2020 तक पूरा करना था, लेकिन कोरोना महामारी में यह प्रोजेक्ट लेट हो गया। फिर अधिकारियों ने नई डेट लाइन जारी की और जून 2021 तक इसे पूरा करने का दावा किया, इसी तरह जनवरी 2022 का समय भी निकल गया और यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। अब अफसरों का दावा है कि 11 मंजिल के इस अस्पताल का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार के आपसी सहयोग से बनाए जा रहे 250 बिस्तरों के अस्पताल में डॉक्टर सहित करीब 550 कर्मचारी लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगे। फिलहाल भूतल, 10 मंजिला बिल्डिंग, आधारभूत स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं। साज-सज्जा और अन्य सिविल कार्य होने बाकी है।

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मरीजों को मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं

रायपुर के डीकेएस मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बाद बिलासपुर और जगदलपुर में राज्य का दूसरा व तीसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है। यह सिम्स से बिल्कुल अलग है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनाए जा रहे हैं। इस हॉस्पिटल में ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन चिकित्सा के अलावा गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। यहां बस्तर संभाग के अलावा छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को सरकारी दर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

ये विभाग होंगे संचालित

- हृदय रोग से संबंधित समस्या मेडिसिन व शल्य क्रियाएं(कार्डियोलॉजी विभाग एवं कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग)
- किडनी रोग से संबंधित समस्त मेडिसिन एवं शल्य क्रियाएं (नेफ्रोलॉजी विभाग एवं यूरोलॉजी विभाग)
- मस्तिष्क रोग से संबंधित मेडिसीन एवं शल्य क्रियाएं(न्यूरोलॉजी विभाग एवं न्यूरोसर्जरी विभाग)

फैक्ट फाइल

- अस्पताल की लागत 211 करोड़
- कंट्रक्शन की कीमत 111 करोड़
- 100 करोड़ की आधुनिक मशीनों को स्थापित किया जाएगा
- 245 बेड़ का यह अस्पताल होगा
- कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी समेत अन्य विभाग चलेगा बल्कि इसके विशेषज्ञ भी होंगे।
- 10 मंजिल का यह अस्पताल है जिसमें ग्राउंड फ्लोर अलग से है।

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इन पदों पर हो रही भर्ती

जगदलपुर सुपरस्पेशिलिटी चिकित्सालय के लिए 277 पदों के सृजन का आदेश पारित किया है। इस आदेश में 113 शैक्षणिक व चिकित्सकीय पद, 134 प्रशासनिक एवं कार्यालयीन पद एवं पैरामेडिकल स्टाफ के लिये 30 पद निर्धारित किये गए हैं। इसमें प्राध्यापक 6 पद, सहायक अध्यापक लेवल 18 बी- 10 पद, सहायक प्राध्यापक लेवल 18ए- 20 पद, सीनियर रेजिडेंट्स- 40, मेडिकल ऑफिसर एंड रेसिडेंट-29, वार्ड बॉय- 20, वाहन चालक 8, लिफ्ट ऑपरेटर 4, चौकीदार 4, स्टाफ नर्स 63, कोडिंग क्लर्क 10, सहायक ग्रेड 6, कंप्यूटर ऑपरेटर 8, लेखापाल सहायक ग्रेड 25, स्टेनोग्राफर 1, फीजियोथेरैपिस्ट 6, कैथ लैब टेक्नीशियन 5 जैसे पदों पर भर्ती होगी।

छात्रों को मिलेगा विशेषज्ञों का अनुभव

सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल को बनाने का खर्च केंद्र सरकार दे रही है। वहीं हास्पिटल का पूरा सेटअप मेडिकल कॉलेज जगदलपुर ही रन करेगा। हास्पिटल की पूरी व्यवस्था मेडिकल कॉलेज के डीन के हाथों में होगी। ऐसे में इस हास्पिटल का पूरा फायदा स्थानीय मरीजों को तो मिलेगा ही साथ ही साथ मेकाज से पढाई करने वाले छात्र भी सुपर स्पेशलिस्ट हास्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में पढ़ाई कर पायेंगे।

211 करोड़ का है प्रोजेक्ट

विभाग के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की लागत 200 करोड़ के करीब पहुंच रही है। जिसमें 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन कर रही है। इस इमारत में ग्राउंड फ्लोर के अलावा 10 मंजिल का कंट्रक्शन किया गया है। इसमें कैंसर संस्थान, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर, नवीन सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित अन्य सुविधाएं होंगी। अभी 10 मंजिल बिल्डिंग वहां भी बनकर तैयार हो चुकी है। यहां इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी कोर्सेस की पढ़ाई शुरू होगी। इससे राज्य में सुपर स्पेशिलिटी डॉक्टरों की कमी दूर होगी।

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