
बंदूक की गूंज नहीं… घुल रही रिश्तों की मिठास, शुभ-मंगल के मौके पर CRPF जवान बने भाई(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में सुकमा के घने जंगलों में बसे पूवर्ती गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरे बस्तर को ही नहीं छत्तीसगढ़ को भावुक कर दिया। यही गांव कभी दुर्दांत नक्सली हिड़मा और देवा की पहचान से जाना जाता था, लेकिन अब यहां से उम्मीदों की एक नई किरण फूट पड़ी है। गांव की एक बेटी की विदाई के दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। दुल्हन अपने ससुराल रवाना होने से पहले सीधे सीआरपीएफ कैंप पहुंची।
वहां मौजूद जवानों को भाई मानकर उनके पैर छुए, उनका आशीर्वाद लिया। जवानों ने न सिर्फ आशीर्वाद दिया, बल्कि गांव वालों के साथ पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचे भी। इस पल ने दिखा दिया कि डर की जगह अब विश्वास ने ले ली है। यह दृश्य केवल एक शादी का नहीं था, यह बदलाव का उत्सव था… भरोसे की वापसी का संकेत था। जहां कभी बंदूक की गूंज सुनाई देती थी, वहां अब रिश्तों की मिठास घुलने लगी है। पूरे वाक्ये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा कि जब पूवर्ती गांव की बेटी की विदाई हुई, तो वो सीधे सुरक्षाबल के अपने भाइयों के पास सीआरपीएफ कैंप में पहुंची। जहां कभी डर और सन्नाटा था, आज वहां प्रेम, अपनापन है। नक्सलियों के इस गढ़ में ये बदलाव की तस्वीर है।
केदार ने लिखा कि दरअसल ये गांव नक्सली कमांडरों का गांव है। यहां पहले कभी पुलिस और जवानों को देखकर ग्रामीण भागते थे, लेकिन अब उनके नजदीक जा रहे हैं। विवाह समारोह की खुशियों में शिरकत कर रहे हैं। क्षेत्र में बीते कुछ समय में केंद्र व राज्य सरकारें शांति बहाली व विकास के लिए काम कर रही है ऐसे में बदलाव की सबसे ख़ूबसूरत तस्वीर मानी जा रही हैं।
Updated on:
26 Jun 2025 08:30 am
Published on:
26 Jun 2025 08:29 am
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