
Health Tips File photo
Health Tips: बस्तर में वायरल फीवर का अटैक जारी है। मौसम के करवट के साथ हुए वायरल अटैक से घर-घर में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। अस्पतालों से लिए गए आंकड़े बता रहे हैं कि बीते 15 दिनों में 2 हजार से अधिक मरीज शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे हैं। वायरल फीवर के मरीजों की डेंगू की जांच भी की जा रही है। राहत है लोग डेंगू और कोरोना की चपेट में नहीं आ रहे हैं।
वायरल फीवर की चपेट में आने वाले बच्चों के ओपीडी में आने का सिलसिला जारी है। जिला अस्पताल, आयुर्वेद हॉस्पिटल, सहित सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में रोज 200 मरीज सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द सहित अन्य परेशानियों की पीड़ा का इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे शामिल हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट डॉक्टरों का कहना है कि मौसम के कारण ही लोग बीमार हो रहे हैं। बच्चों को वायरल निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो रही है। सर्दी के कारण लोगों को गले दर्द की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अभी का वायरल फीवर पांच दिन से सात दिन तक चल रहा है। जबकि पहले तीन दिन में लोग ठीक हो जाते थे। डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को बीपी, शुगर सहित अन्य तकलीफ है उन्हें वायरल फीवर ज्यादा बीमार कर रहा है। ऐसे लोगों को स्वस्थ होने में भी समय लगता है, क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
इम्युनिटी कम तो यह करें उपाय
शिशु रोग विशेषज्ञ अनुरूप साहू ने बताया कि कभी गर्मी, कभी ठंड हो रही है। इसीलिए बुखार, जुकाम, सिर दर्द, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ सहित कई तरह की पीड़ा से लोग जूझ रहे हैं। अभी कुछ दिन और लोगों को थोड़ी परेशानी होगी। हां जिन लोगों की इम्युनिटी कम है उन लोगों को वायरल अटैक से ज्यादा परेशानी होती है। बदलते मौसम में गुनगुना पानी ही पीना चाहिए और कोशिश करना चाहिए कि बाहर का खाना ना खाएं । सर्द- जुकाम की स्थिति आने पर रात में हल्दी वाल दूध पीना चाहिए। विक्स डालकर भाप लेने से भी मरीजों को आराम मिल सकता है। बीमारी बढऩे से पहले ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें।
बच्चे नाजुक इसलिए उन्हें खतरा अधिक, विशेष ध्यान दें
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुरूप साहू ने बताया कि इस मौसम में बच्चों को खतरा बढ़ जाता है। बच्चे नाजुक होते हैं इसलिए उन पर वायरल तेजी से अटैक करता है। बड़ों की तुलना में वे ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। अभी बच्चों को वायरल निमोनिया की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। जुकाम और बुखार के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। समय पर इलाज से अधिकांश ठीक हो रहे हैं। घबराने जैसी स्थिति नहीं है। हां लेकिन ठीक होने में सात दिन कम से कम लगते हैं। बच्चों को बाहर का न खिलाएं।
Published on:
11 Mar 2023 05:01 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
