
इसके साथ ही शोध व सांख्यिकी का प्रबंधन सुचारु रखने कहा है।
जगदलपुर।शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के नव पदस्थ कुलपति कुलपति प्रो मनोज कुमार श्रीवास्तव ने पत्रिका से साक्षात्कार में प्रशासनिक व अकादमिक कसावट को अपनी प्राथमिकता बताया है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी प्रावधान का क्रियान्वयन करने की बात उन्होंने स्वीकारी। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर के विकास व सौंदर्यीकरण को उभारने एक समिति का गठन उन्होंने किया है। शिकायतों की सुनवाई के विवि के पोर्टल में आनलाइन शिकायत दर्ज करने व सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप कर उनका समाधान 24 घंटे में करने की जवाबदेही तय की है। नेक मूल्यांकन की कसौटी पर विवि को खरा उतारने की तत्परता उन्होंने दशार्ई है। इसके साथ ही शोध व सांख्यिकी का प्रबंधन सुचारु रखने कहा है।
उत्तर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय में लागू करने पाठ्यक्रम में जो भी संरचनात्मक परिवर्तन किए जाने हैँ वह किया जाएगा। संक्षेप में कहें तो शैक्षिक क्षेत्र को तकनीक से जोड़ा जाना है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे इसे बोर्ड आफ स्टडी व एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के अनुमोदन पश्चात तत्काल लागू किया जाएगा । इस शिक्षा नीति की मूलभावना छात्रों के मल्टी डिसिप्लीनरी एक्टिविटी को बढ़ावा देना है। इसमें छात्रों को तयशुदा पाठ्यक्रम के अलावा अन्य विषय के चयन करने के विकल्प भी खुले हुए हैं।
उत्तर: एनईपी केे माध्यम से छात्रों को उनके शिक्षण के प्रत्येक वर्ष अथवा सेमेस्टर के अनुसार सर्टीफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री दी जाएगी। इसके बाद क्रमश: रिसर्च की डिग्री देने प्रावधान को लागू किया जाएगा। शोधार्थियों को इंटर्नशिप की सुविधा मिले ऐसा प्रयास होगा। चतुर्थ वर्ष के छात्रों को उनके हासिल क्रेडिट अनुसार पीजी डिप्लोमा इन रिसर्च की डिग्री दी जाएगी। यदि वे पीएचडी में प्रवेश करना चाहेंगे तो उन्हें छह माह कोर्स वर्क की आवश्यकता नहीं होगी। इसमें व्यवसायिक पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा।
उत्तर: विश्वविद्यालय परिसर में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यकम को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सभी विभागों को निर्देशित किया गया है। जल्द ही इसे लेकर एक बैठक होगी। इसमें भी व्यवसायिकता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय उद्योग- उपक्रमों से एमओयू किया जाएगा । सभी क्षेत्रों के स्कील्ड पर्सन को विवि में आमंत्रित करेंगे। विवि मे कौशल विकास का एक विभाग खोला जाएगा। एनईपी की भावना को मद्देनजर रखते हुए इस आदिवासी क्षेत्र के वनवासी छात्राें को और अधिक प्रशिक्षत कर राष्ट्र विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम विवि करेगा।
उत्तर: को- क्यूरिकूलर सब्जेक्ट का प्रावधान रखा जाएगा। इसमें साफ्ट व लाइफ स्कील से संबंधित पाठ्यक्रम को शामिल किया जाना है जिससे आदिवासी समाज की परंपरागत, सांस्कृतिक, कलात्मक गतिविधियों को समृद्ध करने कार्य किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय जानकार व विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा।
प्रश्न: विवि में डाटा एनालिसिस को लेकर कम कार्य हुए हैं?
उत्तर: सांख्यिकी हर विषय की जरुरत है। इससे उस विषय के शोध में सहायता मिलती है। विश्वविद्यालय के एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ व छात्रों को डाटा एनालिसिस करने के लिए कहा जाएगा। ऐसे साफ्टवेयरों के उपयोग करने जिसने ओपन एक्सेस किया जाए उसकी जानकारी दी जाएगी। समय समय पर इससे संबंधित वर्कशाप कराए जाएंगे। आर्टिफिशियए इंटेलिजेंस, पायथन जैसे एप का उपयोग करना सिखाया जाएगा।
प्रश्न: नेक के ग्रेडेशन में अपेक्षित परिणाम नहीं आए हैं?
उत्तर: नेक के ग्रेडेशन से संतुष्ट नहीं हूं। उन कमियों व खामियों को दूर किया जाएगा। कोशिश होगी की हम एक- दो साल मे ही नेक की कसौटी पर उच्चतम ग्रेड हासिल करें। इसके लिए विवि की पूरी टीम अपना भरसक प्रयास करेगी। विश्वविद्यालय के प्रत्येक प्राध्यापक की शैक्षणिक योग्यता, उनके रिसर्च पेपर, शोध प्रबंध विवि की वेबसाइट पर प्रदशित किए जाने कहा गया है। जल्द ही यह कार्य आकार ले लेंगे।
प्रश्न: छात्रों व परीक्षार्थियों की शिकायतों का निराकरण कैसे होगा?
उत्तर: विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली व कार्यक्षमता को लेकर जो शिकायतें आ रही हैं उन पर मेरी नजर रहेगी। इसके लिए एक पोर्टल विवि की वेबसाइट पर रहेगा। इस पोर्टल मेे सभी विद्यार्थी अपना एनरोलमेंट व संकाय डालकर शिकायत व सुझाव अपलोड करा सकेंगे। इन शिकायतों का समाधान मेरे व रजिस्ट्रार के जरिए रोज ब रोज किया जाए
Published on:
08 Sept 2022 08:12 pm
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