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बस्तर में बेसब्री से हो रहा रेल बजट का इंतजार, अगर इस मामले में फिर से छला बस्तर को तो…..

इंतजार अब आने वाले रेल बजट का, बस्तर को फिर छला तो होगा उग्र आंदोलन, रेल लाइन अभियान के सदस्य अब आर-पार की लड़ाई के मूड में

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बस्तर में बेसब्री से हो रहा रेल बजट का इंतजार, अगर इस मामले में फिर से छला बस्तर को तो.....

जगदलपुर. जगदलपुर से रायपुर और किरंदुल से तेलंगाना के मुनुगुरु तक सीधी रेल लाइन बिछाने की मांग को लेकर रेल अभियान के सदस्यों ने बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना-प्रदर्शन किया। रेल भवन का घेराव करने निकले सदस्यों को पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद रेलवे के अफसरों को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपकर अभियान के सदस्य दिल्ली से वापस जगदलपुर लौट रहे हैं। दिल्ली में आंदोलन समाप्ति के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए अभियान के संयोजक साकेत शुक्ला ने कहा कि सीधी रेल लाइन की मांग को लेकर शुरू किया गया आंदोलन यहीं खत्म नहीं होगा। इसके लिए जहां तक और जैसी लड़ाई लडऩी होगी लड़ी जाएगी।

केंद्रीय रेल बजट का इंतजार
अब सिर्फ केंद्रीय रेल बजट का इंतजार है अगर रेल बजट में बस्तर को फिर छला जाता है तो मांग को लेकर उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। देश को बस्तर ने बहुत कुछ दिया है, अब वक्त आ गया है कि सरकार भी बस्तर की जनभावना को ध्यान में रखते हुए यहां की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी करे। ऐसा नहीं होने पर अभियान के सदस्य सडक़ पर उतरेंगे और उग्र प्रदर्शन करेंगे। इस बार रेल मंत्रालय के कहने पर घेराव के लिए सदस्य आगे नहीं बढ़े लेकिन अगर मांग पूरी नहीं की गई तो हर हाल में घेराव किया जाएगा।

आंदोलन को सांसद बैज और वरिष्ठ कांग्रेसियों का समर्थन
रेल लाइन अभियान के बैनर तले सीधी रेल लाइन की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन को बस्तर सांसद दीपक बैज और वरिष्ठ कांग्रेसी उमाशंकर शुक्ला का भी समर्थन मिला हुआ है। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस सचिव मलकीत सिंह गैदु जैसे नेता भी आंदोलन को समर्थन देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे थे। आंदोलन स्थल पर सांसद दीपक बैज ने कहा कि अब तक बस्तर की वाजिब मांग संसद तक पहुंची ही नहीं। इससे पहले के सांसदों ने बस्तर की जनता से जुड़े मुद्दे कभी नहीं उठाए। सीधी रेल लाइन की मांग बहुप्रतिक्षित और वाजिब है। इसके लिए मैं सदन में आवाज उठाऊंगा और मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि यह मांग जल्द से जल्द पूरी की जाए।