
हिंद महासागर में बने चक्रवात से नहीं हो पा रही तापमान में गिरावट, नवंबर के इस हफ्ते से तेजी से गिरेगा पारा
जगदलपुर. बस्तर में सुबह और शाम के वक्त लोगों को ठंड का एहसास होने लगा है। लोग गर्म कपड़ों के साथ बाहर दिखाई देने लगे हैं। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि समूचे बस्तर में तापमान 16 डिग्री से नीचे है। इसका साफ मतलब है कि गुलाबी ठंड की आमद हो चुकी है।
बस्तर पर हल्के बादल की स्थिति
एचपी चंद्रा ने बताया कि, आमतौर पर बस्तर में नवंबर के शुरुआती सप्ताह या अक्टूबर अंत में ठंड पडऩे लगती है। इस बार थोड़ी देरी जरूर हुई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हिंद महासागर में एक चक्रवाती तूफान सक्रिय हो रहा है। इसके चलते दक्षिणी छत्तीसगढ़ यानी बस्तर पर हल्के बादल की स्थिति है। इस वजह से यहां हवा में नमी भी है।
दूसरे नंबर पर अंबिकापुर और सरगुजा
तापमान में गिरावट आना १५ नवंबर को शुरू होगा। फिलहाल तापमान 15 डिग्री के आसपास स्थिर रहने का पूर्वानुमान है। एचपी चंद्रा ने बताया कि पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड देखें तो बस्तर में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है। ऐसे में इस साल भी संभव है कि बस्तर में कड़ाके की ठंड पड़े। दूसरे नंबर पर अंबिकापुर और सरगुजा रहते हैं।
Published on:
09 Nov 2019 12:10 pm
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