
तालाब को नया जीवन मिलने की उम्मीद जागी (Photo source- Patrika)
World Environment Day: आज विश्व पर्यावरण दिवस है और आज से ठीक एक साल बाद हमारा दलपत सागर जी उठेगा। यह दावा है लेकिन इस दावे को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि तालाब बचाने के लिए पिछले कुछ समय में जो प्रयास हुए हैं वह उल्लेखनीय हैं। तालाब को नया जीवन देने के लिए पहले भी बहुत से प्रयास हुए लेकिन अभी जो हो रहा है उसकी चर्चा है।
निगम की नई शहर सरकार कह रही है कि हम एक साल के भीतर तालाब को नया जीवन दे देंगे। इसलिए यह मान लेना चाहिए कि तालाब को अब नया जीवन मिल जाएगा। शहर में हो रहे पर्यावरणीय बदलावों में से एक बदलाव दलपत सागर पर मंडराता संकट भी है। तालाब को नया जीवन देने के लिए तालाब में फैली जलकुंभी को खत्म करना जरूरी है।
नई शहर सरकार इस काम में जुटी हुई है। अब तालाब में उस मशीन को उतार दिया गया है जो एक वक्त में बड़े पैमाने पर जलकुंभी हटाएगी। यह मशीन सीमित संसाधनों में तैयार हुई है। महापौर संजय पांडेय कहते हैं कि मशीन के लिए निगम के किसी भी मद का उपयोग नहीं किया गया है।
तालाब में फैले जाल अभियान में चुनौती: मशीन जब तालाब में उतारी गई तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती तालाब में फैले जाल की थी। मछुआरों के समूह ने काफी पहले जो जाल तालाब में छोड़े थे उसकी वजह से मशीन का काम प्रभावित हो रहा है। मशीन के मोटर में जाल फंसने से दिक्कत हो रही है।
World Environment Day: महापौर संजय पांडेय बताते हैं कि मशीन तैयार हो चुकी है और अब वह तालाब की सफाई का काम भी कर रही है। हालांकि अभी मशीन को परखा जा रहा है। मशीन के साथ ओडिशा के जानकार तैराकों को भी तालाब में उतारा गया है जो कि जलकुंभी को हटाने का काम करेंगे। महापौर ने कहा कि हम बारिश के दिनों में भी काम जारी रखेेंगे क्योंकि हमारे पास वक्त कम ही है। सीमित समय में बड़ा परिणाम लाएंगे।
एमआईसी मेंबर लक्ष्मण झा ने बताया कि महापौर संजय पांडेय ने पदभार संभालते ही पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया रामवीर तंवर को तालाब की स्थिति दिखाने के लिए बुलाया था। अब उनसे मिले सुझावों के आधार पर ही तालाब को मिशन मोड पर साफ करने का काम चल रहा है। लक्ष्मण कहते हैं कि यह काम कठिन जरूर है लेकिन हमें उम्मीद है कि हम यह कर लेंगे।
Published on:
05 Jun 2025 01:57 pm
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