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बोर्ड परीक्षा में मिले 35, 36 और 38 नंबर, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा, सीधा बन गए IAS

'12th फेल' मूवी तो हर कोई देखा होगा, जो पूरी तरह से IPS मनोज शर्मा पर बनी है। मनोज शर्मा कोई अकेला उदारहरण नहीं जो ऐसा किए, राजस्थान समेत देश में कई ऐसे लोग हैं, जो बोर्ड की परीक्षा में फेल होने से बचे लेकिन दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा और सीधा IAS बनकर निकले।

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जयपुर

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Kamal Mishra

May 30, 2025

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IAS तुषार सिंगला और IPS जगदीश बांगड़वा ( फोटो उनके सोशल मीडिया हैंडल से लिया गया है)

जयपुर। 10वीं-12वीं के परिणाम हर साल लाखों बच्चों के लिए उमीद या फिर तनाव लेकर आते हैं। विफल होने वाले छात्र अवसाद में चले जाते हैं या खुद पर से भरोसा खो बैठते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, सफलता और विफलता के बीच थोड़ा सा फर्क होता है, वो है समय प्रबंधन और अनुशासन का।

ऐसे तमाम लोगों के उदाहरण हैं, जो 10वीं या 12वीं बोर्ड परीक्षा में विफल हुए, लेकिन हारे नहीं। जिंदगी को नए तरीके से शुरू किया और आज IAS और IPS अधिकारी हैं। समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत से उन्होंने वो सब हासिल किया, जो उनके हालात में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी था।

बाड़मेर के जगदीश बागड़वा 10वीं में हुए थे फेल

राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले जगदीश बागड़वा की भी ऐसी ही कहानी है, जो 10वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। गांव के हालात और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने मेहनत जारी रखी और UPSC क्लियर करके आज गुजरात में IPS अधिकारी हैं।

तुषार 10वीं परीक्षा में फेल होते-होते बचे फिर बने IAS

IAS तुषार जिन्होंने 10वीं कक्षा में अंग्रेजी में सिर्फ 35, गणित में 36 और विज्ञान में 38 नंबर पाए थे, फेल होने की कगार पर थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने इतनी मेहनत की कि पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2012 बैच के आइएएस अधिकारी बनकर गुजरात में बतौर कलक्टर सेवा दे रहे हैं।

प्री-बोर्ड में हो गई थी फेल आज कड़क IAS

भरतपुर की अंजू शर्मा 10वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा में केमिस्ट्री और 12वीं में इकोनॉमिक्स में फेल हो गई थीं। लेकिन उन्होंने खुद पर विश्वास बनाए रखा। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली और आज गुजरात में एक कड़क IAS अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रही हैं।

दूध बेचा फिर भी बने अफसर

महाराष्ट्र में तैनात आइपीएस उमेश गणपत को 12वीं में फेल होने के बाद पिता ने उन्हें दूध बेचने के काम में लगा दिया। लेकिन उमेश ने मेहनत से पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर अफसर बने। इससे साफ हो जाका है कि बोर्ड परीक्षा में फेल होना जिंदगी की हार नहीं है। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। मंजिल नंबरों से नहीं हौंसलों से मिलती है।

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