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अब ब्राह्मणों की भी ऑनलाइन बुकिंग, कौए भी हुए गायब

- श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 24 से, बुकिंग के लिए बनाई वेबसाइट

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जयपुर

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Harshit Jain

Sep 22, 2018

jaipur

अब ब्राह्मणों की भी ऑनलाइन बुकिंग, कौए भी हुए गायब

जयपुर. तकनीक के इस दौर में कोई भी आयोजन से पहले कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। श्राद्ध पक्ष शुरू होने से पहले ही शहर में पहले ही ब्राह्मणों की बुकिंग हो गई है। देरी करने वालों को भोजन करवाने के लिए ब्राह्मण नहीं मिल रहे हैं। पित्रों को तृप्त करने के लिए तर्पण करने, ब्राह्मणों को भोजन कराने, गाय, कौआ, चींटी को भोजन देकर तृप्त करने की मान्यता है। खासतौर पर ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्हें खुश किया जाता है, ताकि पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके। लेकिन श्राद्ध पक्ष शुरू होने के दस दिन पहले ही लोगों ने ब्राह्मणों की ऑनलाइन बुकिंग कर दी है।

बुकिंग के लिए बनाई वेबसाइट
नामचीन पंडित अपनी वेबसाइट बनाकर नाम, पते सहित दक्षिणा की राशि भी उपलब्ध करवा रहे हैं। शहर की पॉश कॉलोनियों वैशाली नगर, टोंक रोड, राजापार्क, मालवीय नगर, टोंक रोड, गोपालपुरा, सीस्कीम सहित अन्य जगहों पर ब्राह्मण वीआईपी यजमानों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिस कारण से दोपहर बाद तक लोगों को ब्राह्मणों का इंतजार करना पड़ता है। साधारण निमंत्रण के लिए पंडित बाद में जा रहे हैं। यजमान के घर जाने की तिथि और दक्षिणा पहले से निश्चित हो चुकी है। वहीं अब तर्पण के लिए भी ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है।

कौए हुए गायब
श्राद्धपक्ष में कौओं को भोजन खिलाने का विशेष महत्व होता है। लेकिन शहरीकरण के चलते कौए भी नजर नहीं आ रहे है। शहर में रामनिवास बाग सहित एक-दो चुनिंदा जगहों पर कौए नजर आ रहे हैं। जिस कारण से भी लोग परेशान हैं।

ऐसे रहेंगे तिथि अनुसार श्राद्ध
24 सितंबर- पूर्णिमा और प्रौष्ठपदी श्राद्ध
25 सितंबर -प्रतिपदा का श्राद्ध, पितृपक्ष और महालय प्रारम्भ
26 सितंबर- द्वितीया का श्राद्ध
27 सितंबर-तृतीया का श्राद्ध
28 सितंबर-चतुर्थी और भरणी नक्षत्र का श्राद्ध
29 सितंबर- पंचमी का श्राद्ध, कृतिका नक्षत्र का श्राद्ध
30 सितंबर- षष्ठी का श्राद्ध
1 अक्टूबर- सप्तमी का श्राद्ध
2 अक्टूबर- अष्टमी का श्राद्ध
3 अक्टूबर-नवमी का श्राद्ध, अविधवा नवमी, सौभाग्यवती मृतकाओं का श्राद्ध
4 अक्टूबर-दशमी का श्राद्ध
5 अक्टूबर-एकादशी का श्राद्ध
6 अक्टूबर-द्वादशी का श्राद्ध, मघा नक्षत्र का श्राद्ध, सन्यासियों को श्राद्ध
7 अक्टूबर-त्रयोदशी का श्राद्ध, चतुर्दशी का श्राद्ध, पितृ पक्ष समाप्त
8 अक्टूबर-सर्वपितृ श्राद्ध और अमावस्या
9 अक्टूबर- मातामही-मातामह श्राद्ध