
Wheat being sold up to 6 thousand rupees quintal in bhilwara
जयपुर। लॉकडाउन के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग केवल 45 दिनों में गत वर्ष की खरीद को पीछे छोड़ते हुए अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 लाख 52 हजार 444 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। जबकि पिछले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गत वर्ष 90 दिनों में 14 लाख 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेशचन्द मीना ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद 16 अप्रेल से खरीद शुरू कर गई। सामाजिक दूरी एवं मानव सम्पर्क रहित गेहूं की खरीद प्रक्रिया बनाए रखने के लिए क्रय केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 460 की गई। प्रदेश में पहले 17 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था लेकिन कोटा सम्भाग में गेहूं की अच्छी पैदावार होने के कारण प्रदेश में गेहूं खरीद के लक्ष्य को बढ़ाकर 20.66 लाख मैट्रिक टन कर दिया गया है। साथ ही पुराने बारदानों को उपयोग में लेने की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई।
ज्यादा जिलों में एमएसपी पर गेहूं की हुई खरीद
खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के जिलों में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद अब तक ज्यादा हुई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष श्रीगंगानगर में 4 लाख 85 हजार 631, हनुमानगढ में 4 लाख 18 हजार 354, कोटा में 1 लाख 39 हजार 628, बून्दी में 1 लाख 34 हजार 118, बारां में 64 हजार 5, झालावाड में 43 हजार 177, चित्तौडगढ में 31 हजार 206, भरतपुर में 27 हजार 360, बांसवाडा में 22 हजार 790, भीलवाडा में 17 हजार 484, अलवर में 14 हजार 367, प्रतापगढ में 9 हजार 532 एवं अजमेर में 3 हजार 931 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 हजार 925 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया है।
Published on:
04 Jun 2020 06:23 pm
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