आधार अधिनियम के तहत डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी देना गोपनीयता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है.
आधार अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक, किसी व्यक्ति से डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी के 3 टैस्ट से गुज़रना होता है, जैसे कि पुट्टास्वामी (सुपरा) मामले में बताए गए थे, इसलिए इसे असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता है.
डेटा का संग्रह, इसे अपने पास रखना और इस्तेमाल गोपनीयता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करते.
आधार क़ानून व्यापक निगरानी का काम नहीं करता है.