30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कुवैत में कोरोना के कहर के बीच भूखे राजस्थान के 200 लोग

वजह: जहां मिले कोरोना पॉजिटिव, बहुमंजिला मकान खाली कराएपरेशानी: जहां किया क्वांरटाइन वहा मिला नॉनवेजजैन परिवारों की बढ़ी परेशानी

2 min read
Google source verification
कुवैत में कोरोना के कहर के बीच भूखे राजस्थान के 200 लोग

कुवैत में कोरोना के कहर के बीच भूखे राजस्थान के 200 लोग

सीकर. कोरोना के कहर के बीच कुवैत में राजस्थान के 200 से अधिक लोग भूख रहकर जंग लडऩे को मजबूर है। दरअसल मरगाब इलाके में कोरोना पॉजिटिव व संदिग्ध मिले है। इसके बाद वहां की सरकार ने बहुमंजिला भवनों पर ताला लगाकर इलाके के लोगों को होटलों में बने क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया है। यहां भारतीयों को नॉनवेज खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कारण ज्यादातर लोग भूखे रहकर ही जंग लडऩे को मजबूत है। पत्रिका संवाददाता को कई लोगों ने फोन कर अपनी आपबीती बताई। इस मामले में वहां की सामाजिक कार्यकर्ता शाहिन सैयद ने ट्वीट भी किया है। यहां नोनवेज खाने मिलने की वजह से जैन परिवारों को लगभग 40 से 50 घंटे भूखे रहकर ही गुजारनी पड़ी। जैन समाज से जुड़े व्यापारियों ने विभिन्न संगठनों को भी अपनी समस्या बताई है।
--------------------------
कई दिन काम बंद, अब कहां से लाए राशन के पैसे
सीकर निवासी सांवरमल ने बताया कि यहां के क्वारेंटाइन सेंटर में नोनवेज खाना दिया जा रहा है। इस कारण ज्यादातर भारतीय भूखे ही रहे। जिन लोगों के पास थोड़े पैसे है वह राशन लेकर आ सकते हैं। लेकिन कई दिनों से काम बंद होने की वजह से पैसे भी नहीं है। ऐसे में भूखा ही रहना पड़ रहा है।
--------------------------
अब खाना बनाना शुरू किया
डूंगरपुर निवासी वीरप्रकाश जैन ने बताया कि नॉनवेज खाने की वजह से कई दिन परेशानी रही। उनका कहना है कि हम जिस होटल में ठहरे है वहां रसोई भी मिल गई है। ऐसे शुक्रवार से खाना बनाना शुरू किया है। लेकिन जिन लोगों को होटल में रसोई नहीं मिली और राशन के लिए पैसे भी नहीं है उनको काफी परेशानी हो रही है। जैन काफी लंबे अर्से से वहां दुकान चलाते है।
--------------------------------- --
वतन वापसी का इंतजार
यहां फंसे भारतीय कामगारों का कहना है कि यहां लगभग एक महीने से कामकाज पूरी तरह प्रभावित है। कामगारों का कहना है कि भारतीय कामगारों की वतन वापसी के लिए सरकार को भी पहल करनी होगी।
-------------------------------------
वहां कैदियों के सामने भी यह संकट
गल्फ की जेल व थानों में भी भारतीयों को नोनवेज ही परोसा जाता है। इसको लेकर यहां के भारतीयों ने मंत्रालय को कई बार शिकायत दी है। वहां रहने वाले कामगारों का आरोप है कि कुछ दिन तो स्थिति ठीक रखती है बाद में फिर से नोनवेज परोसना शुरू कर देते है।