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जयपुर की 26 दुकानों को सील करके जड़ा ताला, आदेशों की उड़ी धज्जियां तो एक्शन मोड में आया निगम, जानें क्या है पूरा मामला

Nagar Nigam Action: नगर निगम की ओर से 26 दुकानों को सील करने की कार्रवाई जरूर हुई लेकिन यह भी महज खानापूर्ति साबित हुई। ग्रेटर निगम ने केवल 4 दुकानों पर कार्रवाई की, जबकि हैरिटेज निगम ने 22 दुकानों पर ताले जड़े।

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फोटो: पत्रिका

Shops Sealed In Jaipur: पर्यूषण पर्व और संवत्सरी पर बुधवार को शहर में मीट, मछली और अंडे की दुकानें खुलेआम चलती रहीं। स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) के आदेश पूरी तरह हवा हो गए। शहर के मुख्य बाजारों में तो कुछ असर दिखाई दिया, लेकिन बाहरी इलाकों और अंदरूनी गलियों में मीट की थड़ियां और दुकानें धड़ल्ले से खुली रहीं। नगर निगम की ओर से 26 दुकानों को सील करने की कार्रवाई जरूर हुई लेकिन यह भी महज खानापूर्ति साबित हुई। ग्रेटर निगम ने केवल 4 दुकानों पर कार्रवाई की, जबकि हैरिटेज निगम ने 22 दुकानों पर ताले जड़े।

कार्रवाई पर सवाल

जगतपुरा, लुनियावास का सद्भावना नगर, खो नागोरियान, सांगानेर, भट्टा बस्ती, बजरी मंडी गोपालपुरा, झोटवाड़ा, अजमेर रोड और हसनपुरा सहित कई इलाकों में दिनभर मीट बिकता नजर आया। कई दुकानें जो दोपहर तक बंद थीं, वे शाम तक खुल गईं। कुछ नॉनवेज रेस्टोरेंट्स में भी मीट परोसा गया। थड़ियों पर खुले में मीट बिकने से निगम की कार्रवाई पर सवाल खड़े हुए।

बेकरी और डेयरी पर अंडों की बिक्री

डीएलबी के आदेश में अंडों की बिक्री पर भी रोक थी, लेकिन शहरभर में बेकरी स्टोर और डेयरी बूथों पर अंडे आसानी से बिकते रहे।

हैरिटेज निगम का एक्शन

हैरिटेज नगर निगम ने शास्त्री नगर के भट्टा बस्ती क्षेत्र में 13 दुकानें, हसनपुरा में 2, नाहरी का नाका क्षेत्र में 3 और घाटगेट मछली मार्केट में 4 दुकानों पर कार्रवाई कर कुल 22 दुकानों को सील किया। यह कार्रवाई पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश कुमार के नेतृत्व में सतर्कता शाखा के सहयोग से की गई।

ग्रेटर निगम की खानापूर्ति

ग्रेटर निगम ने सांगानेर और खो नागोरियान क्षेत्र में मात्र 4 दुकानों को सील किया और करीब 50 किलो मांस जब्त किया।

आदेश हुए थे जारी

डीएलबी ने आदेश जारी कर पर्यूषण पर्व और संवत्सरी (27 अगस्त) पर प्रदेशभर के सभी बूचड़खानों और मीट, मछली, अंडे की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए थे। नगर निगम आयुक्तों और पालिका-परिषद अधिकारियों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हकीकत में नतीजा कुछ और ही रहा।