
जयपुर/पत्रिका. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के कार्यकाल के तीन साल 14 जुलाई को पूरे होने जा रहे हैं। डोटासरा को सचिन पायलट की बगावत के बाद हाईकमान ने 14 जुलाई 2020 को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
हालांकि संगठनात्मक नियुक्तियों के लिहाज से देखा जाए तो डोटासरा इस मामले में कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। डोटासरा अभी तक केवल 39 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी और 13 जिलाध्यक्षों की ही नियुक्ति कर पाए हैं। उनमें से भी चार जिलाध्यक्षों ने उदयपुर नव संकल्प शिविर के फैसलों के चलते अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।
85 सचिवों की नियुक्ति भी अधरझूल में
हाल में प्रदेश कांग्रेस में की गई 85 सचिवों की नियुक्ति पर भी पार्टी हाईकमान की ओर से रोक लगा दी थी। इसके बाद सचिवों की नियुक्ति भी अधरझूल में हैं। प्रदेश प्रभारी रंधावा की स्वीकृति के बाद पीसीसी चीफ डोटासरा ने अपने स्तर पर सचिवों की नियुक्ति कर दी थी।
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प्रकोष्ठ-विभागों को भी तीन साल से इंतजार
वहीं प्रदेश कांग्रेस के आधा दर्जन विभागों और एक दर्जन से ज्यादा प्रकोष्ठ 3 साल से रिक्त हैं, इन्हें भी नहीं भरा गया है। ओबीसी विभाग को छोड़कर शेष विभाग और प्रकोष्ठ रिक्त चल रहे हैं।
पांच उप चुनाव जीते
डोटासरा के कार्यकाल में जहां अधिकांश संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हो पाई है, वहीं उनका कार्यकाल का दूसरा पहलू यह भी है कि उनके नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस ने 5 विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की है। सरदार शहर, सहाड़ा, सुजानगढ़, वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की।
बिना संगठन को मजबूत किए चुनाव में कैसे जाएंगे
तीन साल से प्रदेश में 26 जिलाध्यक्षों के रिक्त पदों को भरने और प्रदेश कार्यकारिणी विस्तार का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। कांग्रेस में यह आलम तो तब है जब 3 माह के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी चर्चा यही है कि बिना संगठन को मजबूत किए बिना चुनाव में कैसे जाएंगे।
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Published on:
09 Jul 2023 10:48 am
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