12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सातवें वेतनमान मामला: कर्मचारियों की रैली से एक दिन पहले झुकी सरकार, एरियर की घोषणा, ऐसा होगा एरियर का भुगतान

राज्य सरकार ने कर्मचारियों की आक्रोश रैली से ठीक एक दिन पहले सरकार झुक गई और सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर घोषणा कर दी।

2 min read
Google source verification
7th pay commission

7th pay commission

जयपुर। राज्य सरकार ने कर्मचारियों की आक्रोश रैली से ठीक एक दिन पहले सरकार झुक गई और सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर घोषणा कर दी। वेतनमान का नकद लाभ 1 अक्टूबर की बजाय 1 जनवरी 2017 से दिया जाएगा। जिसके एरियर का भुगतान नकद तीन किश्तों में होगा। सातवें वेतनमान की विसंगति, वेतन कटौती और एरियर समेत सात मांगों को लेकर कर्मचारी संगठनों की ओर से रविवार को जयपुर में आक्रोश रैली होनी है।

इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में तीन उपचुनाव होने हैं। इससे घबराई सरकार ने एकाएक सातवें वेतनमान को लेकर कई निर्णय किए। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, राजस्थान वित्त आयोग की अध्यक्ष ज्योति किरण और अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता ने पत्रकार वार्ता की।

इसमें शेखावत ने बताया कि वेतनमान का लाभ 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2016 तक काल्पनिक आधार पर दिया जाएगा। जो कि नकद लाभ 1 अक्टूबर 2017 से दिया जा रहा है। अब यह नकद लाभ 1 जनवरी 2017 से देय होगा और इसका एरियर का भुगतान तीन किश्तों में होगा। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों को अभी भी पांच माह का इंतजार करना होगा।

राजस्थान में लागू हुए 7th Pay Commission की जानें बेहद ख़ास बातें, यहां Calculate कर जानें कितनी बढ़ गई आपकी सैलरी

-ऐसा होगा एरियर का भुगतान
पहली किश्त-1 अप्रेल 2018
दूसरी किश्त-1 जुलाई 2018
तीसरी किश्त-1 अक्टूबर 2018

न्यूनतम वेतन 17700
मंत्री ने दावा किया कि पहले न्यूनतम वेतन 6,900 रुपए प्रति माह था, जो अब 17700 रुपए हो गया है। इसके अलावा मकान किराए भत्ते में सौ फीसदी से अधिक वृद्धि की गई है।

भत्तों में संशोधन रिपोर्ट के बाद डीबी गुप्ता ने बताया कि विभिन्न भत्तों को लेकर सामंत कमेटी की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके अलावा करीब 150 से 200 वर्ग की विसंगति भी मिली है। एक-एक पर सुनवाई हो रही है।

गैर वाजिब मांगें नहीं मानेंगे
शेखावत मंत्री राजपाल सिंह ने साफ कहा कि कर्मचारियों के आंदोलन से सरकार सहानभूति रखती है। उनकी वाजिब मांगों को माना जाएगा, लेकिन गैर वाजिब मांगों का निराकरण नहीं होगा।