
जयपुर। आबादी क्षेत्र से गुजरने वाली हाई वोल्टेज बिजली लाइनों को शत-प्रतिशत निगम खर्च पर शिफ्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, जनहित को ध्यान में रखते हुए 33 केवी एवं 11 केवी की विद्युत लाइनों को भूमिगत करने के लिए 50 प्रतिशत खर्च निगम द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि शेष 50 प्रतिशत राशि आवेदक, संबंधित निकाय, सांसद, विधायक निधि या राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बताया कि निगम द्वारा हाई वोल्टेज लाइनें निर्जन स्थानों पर डाली जाती हैं, लेकिन आबादी विस्तार के कारण ये लाइनें आबादी क्षेत्र में आ जाती हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए जनहित में इन लाइनों को शिफ्ट करने का प्रावधान किया गया है।
राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 132 केवी और इससे अधिक वोल्टेज वाली लाइनों को शिफ्ट करने के लिए आवेदक को पूरी राशि वहन करनी होगी। इसके अलावा, लाइन शिफ्टिंग के लिए पथाधिकार (राइट ऑफ वे) की उपलब्धता और तकनीकी साध्यता के आधार पर ही कार्य किया जाएगा।
ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि विद्युत आपूर्ति नियम एवं शर्तें-2021 तथा उसके संशोधनों के अनुसार, आबादी क्षेत्र से गुजरने वाली 33 केवी क्षमता की लाइनों को शिफ्ट करने के लिए 50 प्रतिशत खर्च निगम और 50 प्रतिशत खर्च आवेदक या संस्था द्वारा वहन करने का प्रावधान है।
Updated on:
13 Mar 2025 10:10 am
Published on:
13 Mar 2025 10:09 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
