
राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया, मंहत बालकनाथ (पत्रिका फाइल फोटो)
Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि भजनलाल सरकार ने सियासी नियुक्तियों की शुरुआत कर दी है। इस कड़ी में वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नरेश ठकराल को आयोग का सदस्य सचिव बनाया गया है।
वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह आयोग 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले अगले पांच वर्षों के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। आयोग का कार्यकाल डेढ़ वर्ष का होगा, जिसके दौरान यह शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सुझाव देगा।
बता दें, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अरुण चतुर्वेदी को इस नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चतुर्वेदी का अनुभव और नेतृत्व राजस्थान की स्थानीय संस्थाओं को वित्तीय रूप से मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अरूण चतुर्वेदी पहले राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रह चुके हैं।
बताते चलें कि इस नियुक्ति को भजनलाल सरकार की पहली बड़ी सियासी नियुक्ति मानी जा रही है। इस नियुक्ति के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
इधर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली दौरे पर हैं, जहां वे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरे में जिलों से लेकर बोर्ड और निगमों तक की राजनीतिक नियुक्तियों पर चर्चा होगी। यह दौरा संगठनात्मक और प्रशासनिक समीकरणों को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले भजनलाल शर्मा की सरकार में वर्तमान में दो उपमुख्यमंत्रियों सहित 24 मंत्री हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में अभी छह पद खाली हैं। राज्य विधानसभा की सदस्य संख्या के आधार पर कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं भी चर्चा में हैं।
राजस्थान में सियासी नियुक्तियों की शुरुआत ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में नई उम्मीदें जगा दी हैं। कई बड़े नेता नई जिम्मेदारियों की कतार में हैं। इनमें राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, कैलाश चौधरी, महंत बालकनाथ, अल्का गुर्जर, अशोक परनामी, राजपाल शेखावत, ज्योति मिर्धा, नारायण पंचारिया, लालचंद कटारिया, और राजेंद्र यादव जैसे नाम शामिल हैं। इन नेताओं को राष्ट्रीय संगठन, प्रदेश संगठन, या विभिन्न बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा इन नियुक्तियों को अंतिम रूप देने की दिशा में निर्णायक हो सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संगठन और सरकार में संतुलन बनाए रखने के लिए इन नियुक्तियों में क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। कुछ नेताओं को केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी मिल सकती है, जबकि अन्य को राज्य स्तर पर बोर्ड, निगमों, या अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जा सकता है।
Published on:
02 Aug 2025 05:53 pm
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