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ACB Action In Rajasthan: राजस्थान में भ्रष्ट अधिकारियों की जांच लंबित कर या फिर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को जांच की अनुमति न देने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ऐसे अधिकारियों और ऐसे विभागों का पोल खुलने की तैयारी कर ली है कि किस अधिकारी के पास भ्रष्ट शिकायत की जांच लंबित है और वह कब से उस भ्रष्ट फाइल की कार्रवाई पर कुंडली मारे हुए बैठा है।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) नए कानून 17 ए की आड़ में बचने वाले भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों को उनके साथ के विभागध्यक्ष उन्हें अनुमति न देकर बचा लेते हैं। ऐसे में अब उन्हें एसीबी बेनकाब करेगी। इसके लिए एसीबी एक वेबपोर्टल लांच करने जा रही है। वेब पोर्टल गांधी जयंती या फिर दीपावली से पहले शुरू कर दिया जाएगा। इसमें विभागवार किसके पास कितनी भ्रष्ट जांच बची है। यह बात अब जनता जान पाएगी।
क्या है भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 17ए
राजस्थन में अभी भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की नवीन धारा 17 ए के तहत सरकारी विभाग के अधिकारी और कार्मिक की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) सीधे नहीं कर सकती। शिकायत पर संबंधित विभाग के अध्यक्ष से जांच करने की अनुमति लेना अनिवार्य है।
जोड़े जाएंगी स्टेट विजिलेंस कमिश्नर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)के डीआइजी सवाई सिंह गोदारा ने बताया कि अभी सरकारी विभाग भ्रष्टाचार की शिकायत के जांच करने की बहुत कम अनुमति दे रहे हैं। अक्टूबर से वेब पोर्टल से अनुमति मांगी जाएगी। वेब पोर्टल से स्टेट विजिलेंस कमिश्नर को भी जोड़ेंगे, जिससे अनुमति नहीं देने वाले विभाग पर उनकी भी नजर रहेगी। अभी पत्राचार द्वारा अनुमति मांगने की व्यवस्था है।
वेबसाइट से बेनकाब होंगे भ्रष्टाचार के पैरोकार
जल्द वेब पोर्टल पर संबंधित विभागाध्यक्ष से भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने की अनुमति ली जाएगी। इससे पता रहेगा कि कौनसा विभाग कब से शिकायत को लंबित रखे हुए है।
बी.एल. सोनी, डीजी एसीबी
Published on:
30 Sept 2022 06:49 pm
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