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मासूम गौरांश बार-बार पिता और चाचा के लिए पूछता रहा, देखने वालों की आंखों में निकले आंसू

locationजयपुरPublished: Jul 17, 2019 11:29:36 pm

JLN Marg Road Accident : बेटा पूछ रहा मेरे पिता को क्या हो गया, बोल क्यों नहीं रहे, घर का माहौल बिगड़ा तो सुबह जल्दी करवाई अंत्येष्टि

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मासूम गौरांश बार-बार पिता और चाचा के लिए पूछ रहा, देखने वालों की आंखों में निकले आंसू

जयपुर। बुधवार सुबह हंसी खुशी घर के बाहर नींद से उठकर आया गौरांश पिता पुनीत और चाचा विवेक के शव देख पूछने लगा मेरे पापा को क्या हो गया… ये बोल क्यों नहीं रहे। चाचा भी चुप हैं, मासूम की यह बाते सुन वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू छलक आए। घर में महिलाओं में कोहराम मच गया, मां अनिता, पुनीत की पत्नी पिंकी और विवेक की पत्नी चंचल बेसुध हो गईं। यह सब देखने वाले दोनों भाइयों को टक्कर मारने वाले कार चालक को कौसने लगे।
लोग बात करने लगे, जब उसे कार चलाना आता ही नहीं तो सड़क पर लेकर क्यों निकला। परिवहन विभाग भी बिना तस्दीक के लाइसेंस बना देता है। घर का माहौल बिगड़ता देख दोनों भाइयों के शव जल्दी ही अंत्येष्टि के लिए ले गए, जहां पर गौरांश ने चाचा और पिता की चिता को अग्नि दी। घर लौटने पर गौरांश बोला, अब मेरे पापा और चाचा कब घर आएंगे। यह सुनकर उसके दादा राजकुमार फूट फूटकर रोने लगे।
पसलियां टूटकर फेंफड़ों में धस गईं

हादसे के वक्त कार की टक्कर से उछलकर करीब 70 फीट दूर जा गिरे पुनीत और विवेक की पसलियां टूटकर फेफडों में धंस गई। इससे शरीर में खून भर गया था और उनकी मौके पर मौत हो गई थी।

आंखों के तारे यूं छोड़ जाएंगे

पिता राजकुमार को बार-बार रिश्तेदार ढांढ़स बंधा रहे थे। वे बोल रहे थे कि उनकी आंखों के तारे छोड़ गए। रिश्तेदार बोले, हमेशा राजकुमार हंसते रहते थे, लेकिन हादसे के बाद से उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। कुछ बोल भी नहीं रहे।
हमेशा मदद के लिए दोनों भाई रहते थे तैयार

लोगों ने बताया कि पुनीत और विवेक काफी हसमुंख स्वभाव के थे। कॉलोनी में दूसरों की मदद के लिए वह हमेशा तैयार रहते थे। दोनों भाई भगवान शिव के बड़े भक्त थे। हर रोज सुबह चार बजे उठ जाते और कॉलोनी में बने मंदिर में पूजा करने जाते थे।
संयोग, उस दिन एक ही बाइक पर लौट रहे थे

पड़ोसियों ने बताया कि पुनीत, विवेक अक्सर अलग-अलग बाइक से जयपुर जाते थे। विवेक कई बार पिता राजकुमार के साथ आता था, लेकिन यह संयोग ही था कि मंगलवार को पुनीत और विवेक एक ही बाइक से लौट रहे थे।
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