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प्रवेशोत्सव को लेकर सरकारी पाठशालाओं के संस्था प्रधान व शिक्षक खूब पसीना बहा रहे हैं। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पहले से ही प्रवेश संबंधी लक्ष्य तय कर उनकी प्राप्ति के लिए कड़ा संदेश जारी कर रखा है।
लक्ष्य के अनुरूप नामांकन नहीं होने पर संबंधित संस्था प्रधानों व शिक्षकों से जवाब मांगा जाएगा। संतोषजनक जवाब व वाजिब कारण नहीं पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई होगी।
महत्वपूर्ण यह है कि इस बार बोर्ड कक्षाओं के साथ-साथ कक्षा आठ व पांचवीं के परिणाम को लेकर भी लक्ष्य व जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। कक्षा विशेष के लिए अलग-अलग परिणाम प्रतिशत के साथ संस्था प्रधान व शिक्षक की परिणाम को लेकर स्पष्ट जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार कक्षा एक से पांच तक 150 विद्यार्थी, छह से आठ तक 105, नौ से दस तक 100 व ग्यारह से बारहवीं तक 120 विद्यार्थी नामांकित होने चाहिए। इससे कम नामांकन रहने पर संबंधित संस्था प्रधान व शिक्षकों की जवाबदेही होगी। लेकिन जहां शिक्षकों व संस्था प्रधानों के पद खाली हैं, वहां मापदंडों की पालना में जोर आएगा।
परिणाम इतना जरूरी
डीईओ माध्यमिक मोहनलाल स्वामी ने बताया कि अगर उच्च माध्यमिक कक्षाओं (बारहवीं बोर्ड) का परिणाम 50 प्रतिशत या इससे कम तथा माध्यमिक कक्षा (दसवीं बोर्ड) का परिणाम 40 फीसदी या इससे कम रहा तो संस्था प्रधान की जिम्मेदारी होगी। यदि कक्षा दस व बारहवीं बोर्ड परीक्षा का नतीजा 60 प्रतिशत से कम रहा तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
इसके साथ कक्षा आठवीं व पांचवीं में यदि 50 प्रतिशत या इससे अधिक डी ग्रेड वाले विद्यार्थी हुए तो संस्था प्रधान को नोटिस मिलेगा। इसी तरह इन दोनों कक्षाओं में यदि 60 फीसदी या इससे ज्यादा डी ग्रेड वाले विद्यार्थी हुए तो शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही शुरू की जाएगी।
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