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विद्यार्थियों की बड़ी परेशानी- विवि में 520 नए छात्रों के प्रवेश का रास्ता बंद!

नियमित पदों को स्वीकृत करने के लिए प्रशासन अब तक नौ बार सरकार को गुहार लगा चुका...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Apr 23, 2018

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campus poster paste, leader on university will be named FIR

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में फाइव इयर लॉ, एलएलबी इवनिंग और एमएड के पाठ्यक्रमों में नए सत्र में प्रवेश पर संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से पदों की स्वीकृति नहीं देने व बार काउंसिल ऑफ इंडिया की पर्याप्त फेकल्टी के अभाव में पाठ्यक्रम संचालित नहीं करने की चेतावनी के बाद इन पाठ्यक्रमों का संचालन मुश्किल हो रहा है। विश्वविद्यालय ने नियमित शिक्षकों के नए पद स्वीकृत होकर भर्ती होने तक प्रवेश प्रकिया को रोकने का निर्णय किया है।

मामला सोमवार को अकादमिक परिषद की बैठक में रखा जाएगा। यहां हुए निर्णय पर सिंडीकेट की सहमति ले ली जाएगी। नियमित पदों को स्वीकृत करने के लिए प्रशासन अब तक नौ बार सरकार को गुहार लगा चुका। फिलहाल विधि विभाग में 28 पद स्वीकृत हैं। विवि ने 32 नए पदों की मांग की है।

500 प्रवेश रुकेंगे
अगले सत्र में ये पाठ्यक्रम संचालित नहीं हुए तो विवि में 520 नए छात्रों के प्रवेश का रास्ता बंद हो जाएगा। सत्र 2018-19 में एलएलबी इवनिंग में प्रथम वर्ष की तीन सौ, फाइव इयर लॉ की 120 सीटों और एमएड की 50 सीटों पर प्रवेश प्रभावित हो सकते हैं।

अब प्रथम वर्ष में मिलेंगे केवल ऐच्छिक विषयों के व्याख्याता
सरकार ने चुनावी वर्ष होने की वजह से इस बार प्रदेश में सैंकड़ों स्कूलों को क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन इनमें पढ़ाने वाले व्याख्याता ही नहीं हैं। अब सरकार और शिक्षा विभाग इन स्कूलों में द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों से ही अध्यापन का कार्य कराएगी। प्रथम वर्ष में इन स्कूलों में सिर्फ ऐच्छिक विषयों के ही व्याख्याता दिए जाएंगे। इस संबंध में हाल ही निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल ने आदेश भी जारी किए हैं। गौरतलब है कि सरकार ने इसबार करीब 1000 स्कूलों को माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया है। विद्यार्थियों की आवश्यकता से मिलेंगे विषय राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को सरकार ने उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन इनमें सत्र 2018—19 में सिर्फ कक्षा 11 ही शुरू हो सकेगी। कक्षा 12 इन स्कूलों में दूसरे सत्र में शुरू होगी। इन विद्यालय में 3 ऐच्छिक विषयों का निर्धारण विद्यार्थियों की आवश्यकता व रुचि के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों और उनके परिजनों की राय भी जानी जाएगी। अनिवार्य विषयों के लिए वरिष्ठ अध्यापक नवक्रमोन्नत विद्यालयों में अनिवार्य विषय हिंदी और अंग्रेजी व्याख्याता के स्थान पर वरिष्ठ अध्यापक पढ़ाएंगे। नवक्रमोन्नत विद्यालयों में नवसृजित व्याख्याताओं के पद भरे जाने तक वरिष्ठ अध्यापक ही अध्ययन कराएंगे।