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थाने से भट्टी तक 4 घंटे तक भटके परिजन, तब पता चली दरिंंदगी

राष्ट्रीय आयोग के दल ने एक ही दिन में नापी भीलवाड़ा से डूंगरपुर की दूरी, एक माह में चौथा राजस्थान दौरा

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जयपुर। राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रथम दृष्टया माना है कि भीलवाड़ा के कोटड़ी में पुलिस ने नाबालिग को बलात्कार के बाद भट्टी में झाेंक देने के मामले में चार घंटे तक परिजनों कीं सुनवाई नहीं की। आखिरकार परिजनों ने खुद ही पता लगाया कि बेटी को भट्टी में झोंककर जला दिया। इस मामले में पुलिस अब तक 11 में से 5 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, जिससे परिजन व रिश्तेदार आक्रोशित हैं और पोस्टमार्टम की सहमति नहीं दे रहे हैं। वहीं डूंगरपुर में अपहरण के बाद बलात्कार की शिकार स्कूली छात्रा अब भी सदमे में हैं, सदमे के कारण ही पीड़िता ने जान देने की कोशिश की। आयोग ने दोनों पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, वहीं घटनास्थल का जायजा भी लिया। यह दल सोमवार को दिल्ली में दोनों ही घटनाओं पर आयोग को रिपोर्ट सौंपेगा।
बलात्कार के बाद हत्या की घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय आयोग का एक माह में यह चौथा राजस्थान दौरा है। दोनों ही मामलों में राष्ट्रीय महिला आयोग स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया। जांच के लिए आयोग सदस्य ममता देवी व डेलिना और लीगल एक्सपर्ट निधि शुक्रवार देर रात भीलवाड़ा पहुंची। टीम शनिवार को कलक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात के साथ ही पीड़ित परिवार से मिलने उसके गांव भी गई। परिजनों से बात करने के साथ ही आयोग के दल ने घटनास्थल का दौरा किया और थाने पहुंचकर घटना से संबंधित तथ्यों की जानकारी ली।
टीम ने कोटड़ी प्रकरण में प्रारंभिक जांच में माना कि किशोरी के लापता होने के बारे में पुलिस ने चार घंटे तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इससे पीडि़त परिवार और रिश्तेदार आक्रोशित हैं। पीड़ित परिवार न तो मुआवजा लेने को तैयार है और न ही पोस्टमार्टम की सहमति दे रहा है, इस पर राष्ट्रीय आयोग के दल ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित परिवार की समझाइश की और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। आयोग के दल का कहना है कि इस मामले में फरार आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार किया जाए। साथ ही, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की अपेक्षा की है। आयोग ने पुलिस अधिकारियों से दोनों ही घटनाओं में आरोपियों को जल्द सजा दिलाने को भी कहा है।