
जयपुर. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 19 मई को दो हजार का नोट वापस लिए जाने की घोषणा की गई थी। वाहन में पेट्रोल भरवाने, राशन खरीदने के बाद अधिकतर लोग घाट के बालाजी, अंबाबाड़ी संकटमोचन हनुमान मंदिर, शिलादेवी, गढ़गणेश व झाड़खंड महादेव सहित अन्य बड़े मंदिरों सहित गोशालाओं में दान देने के लिए दो हजार का नोट इस्तेमाल कर रहे हैं। 500 या 1000 रु. की रसीद कटवाने के बाद बाकी रकम वापस भी ले रहे हैं। वहीं, गुप्त दान के कारण दानपात्रों में दो हजार के नोटों की संख्या बढ़ी है। मंदिर और गोशाला प्रबंधन की मानें तो वहां आ रहे कुल चढ़ावे में 35 फीसदी नोट दो हजार रु. के हैं।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि मंदिर में चढ़ने वाले दान में सात दिनों में करीब 16 नोट दो हजार रु. के आए हैं, जबकि पहले एक सप्ताह में दो-तीन नोट ही आते थे। गोविंददेव जी मंदिर के बाहर भगवान लड्डू गोपाल की पोशाक सहित अन्य खरीदारी के लिए कई भक्त दो हजार रु. का नोट ही दे रहे हैं। पूजन सामग्री व अनुष्ठान के लिए बुकिंग करने वाले चांदपोल क्षेत्र के हरिकांत ने बताया कि पहले दिन भर में गल्ले में दो हजार का एक या दो नोट ही आता था। बीते दो दिनों से रोजाना लगभग आठ से 10 नोट दो हजार रु. के आ रहे हैं।
बकाया भुगतान भी कर रहे
गुड़, चारे की खरीदारी के लिए भी गोशाला में दो हजार रु. का नोट देने का चलन बढ़ा है। हर माह गो सेवा में सहयोग के साथ ही कई महीनों का बकाया भुगतान भी लोग दो हजार रु. के नोट से ही कर रहे हैं।
विष्णु अग्रवाल, प्रभारी, श्रीरामदेव गोशाला, बगरू
दान पात्र से निकले दो हजार के 17 नोट
खोले के हनुमान मंदिर स्थित नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बीएम शर्मा ने बताया कि गोठ के लिए भी अधिकतर लोग दो हजार का नोट देकर बुकिंग करा रहे हैं। पहले रोजाना तीन-चार नोट ही आते थे, जबकि अब यह आंकड़ा प्रतिदिन 15 के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को मंदिर में खोले गए दान पात्र में से दो हजार रु. के 17 नोट निकले।
Published on:
02 Jun 2023 11:42 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
