
टमाटर, हरी मिर्च के बाद अब दालों में उबाल... सरकारी प्रयास विफल
दालों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद देश में इस साल अरहर की दाल की कमी है, जिसे मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर बढ़ता ही जा रहा है। सरकार की ओर से बड़ी मात्रा में दाल आयात करने के बावजूद खुदरा बाजारों में अरहर दाल के दाम 225 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए है। वहीं, उड़द दाल के दाम 210 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं। दोनों ही दालों के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। साबुत अरहर को दाल बनाने के लिए मिलों में प्रोसेस किया जाता है, उसके बाद उसपर पॉलिश की जाती है। पिछले हफ्ते साबुत अरहर की कीमत 100 रुपए के भी पार चली गई थी। कीमतों में तेजी के चलते सरकार ने अरहर और उड़द पर 31 अक्टूबर तक स्टॉक लिमिट लगा दी थी। इसके बावजूद इनके दामों में राहत नहीं मिली है।
अरहर दाल में मुनाफावसूली शुरू
दाल कारोबारी श्याम नाटानी का कहना है कि स्टॉक लिमिट से अरहर की कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं हो सकती है, क्योंकि जब उत्पादन कम होता है, तो कुछ भी कीमतों को कम करने में मदद नहीं कर सकता है।मौजूदा स्तर पर कई स्टॉकिस्टों ने अरहर दाल में मुनाफावसूली शुरू कर दी है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में अक्टूबर में बेमौसम बारिश के कारण फसल वर्ष में अरहर दाल का उत्पादन कम रहने की आशंका है। इससे भी कीमत में उछाल आ सकता है। अग्रिम अनुमान के अनुसार, अरहर उत्पादन 3.66 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया था।
Published on:
10 Jul 2023 11:15 am
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