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उत्तराखंड के बाद राजस्थान के मदरसों में पढ़ाया जाएगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, कर्नल सोफिया बनेंगी बेटियों की प्रेरणा

Rajasthan News: राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि प्रदेश के मदरसों में अब भारतीय सेना के शौर्य गाथा 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

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Madrasas of Rajasthan

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार, फोटो सोर्स- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मदरसों में अब भारतीय सेना के शौर्य गाथा 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य मदरसों में पढ़ने वाली बच्चियों को देशभक्ति, साहस और सैन्य सेवा के प्रति जागरूक और प्रेरित करना है।

सेना की नायिकाओं से मिलेगी प्रेरणा

एमडी चोपदार ने जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान के लगभग 37 मदरसों में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। हम इसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' को शामिल करेंगे, विशेष रूप से कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका पर फोकस किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इन महिला सैन्य अधिकारियों के योगदान को जानकर छात्राएं प्रेरित होंगी और आगे चलकर भारतीय सेना में सेवा देने का सपना देख सकेंगी।

शिक्षा के साथ राष्ट्रीय चेतना का समावेश

मदरसा बोर्ड का यह निर्णय सिर्फ एक पाठ्य विषय जोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों में राष्ट्रप्रेम, सेवा भावना और आत्मबल बढ़ाने का प्रयास है। चोपदार ने बताया कि सभी मदरसों में विशेष मीटिंग आयोजित कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की जाएगी। बच्चों को न केवल कक्षा में बल्कि असेंबली के माध्यम से भी प्रेरक बातें सिखाई जाएंगी।

जल्द होगा औपचारिक ऐलान

चेयरमैन ने कहा कि बोर्ड के सदस्यों में इसे लेकर आपसी सहमति बन चुकी है और जल्द ही इस विषय पर औपचारिक बैठक बुलाकर निर्णय की घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस नई पहल के तहत रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों और शिक्षाविदों की मदद से बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर की गहराई से जानकारी दी जाएगी।

उत्तराखंड के बाद राजस्थान दूसरा राज्य

इससे पहले उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' को सिलेबस में शामिल करने की पहल की गई थी। अब राजस्थान दूसरा राज्य है जिसने इस राष्ट्रवादी पहल को अपनाते हुए अपने पाठ्यक्रम को आधुनिक, प्रासंगिक और प्रेरणादायक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

बेटियों को मिलेगा नया दृष्टिकोण

गौरतलब है कि इस बदलाव से मदरसे में पढ़ने वाली छात्राओं को सशक्त बनाने और उन्हें सेना व सुरक्षा बलों में करियर के लिए प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी बहादुर महिलाओं की कहानियां छात्राओं को यह समझाने में मदद करेंगी कि देश की सेवा केवल एक सपना नहीं, एक सशक्त संभावना है।

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