
जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान-छत्तीसगढ़ में इसी साल हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल के विधायकों पर केंद्रीय एजेंसियों की तीसरी नजर है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई और ईडी कांग्रेस नेताओं पर पहले से दर्ज मामलों पर आगे बढ़ने के साथ और प्रकरणों को खंगालने में जुटी है। राजस्थान व छत्तीसगढ़ के कुछ नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के समक्ष कुछ मामले विचाराधीन है।
इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन के खिलाफ ईडी की कारवाई के बाद सीबीआइ में भी फर्टिलाइजर घोटाले में मामला दर्ज किया जा चुका है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बोल पर भी ईडी की नजर है। इस बात की आशंका खुद बघेल जता चुके है। छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों के खिलाफ पिछले दिनों शराब ठेकों के मामले में ईडी ने कार्रवाई भी की थी। सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सीएम बघेल व उनके कुछ मंत्रियों के खिलाफ दस्तावेज और शिकायतों के आधार पर जांच कार्यवाही की जा सकती है।
आय व्यय पर नजर
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियां राज्यों के मंत्रियों व कांग्रेस विधायकों के चुनावी हलफनामों को खंगाल रही है। साढ़े चार साल पहले पेश शपथ पत्रों की मौजूदा आय से तुलना की जा रही है। चुनाव से पहले सीबीआइ या ईडी जैसी एजेंसियां बड़ा मामला पकड़ में आने पर शिकंजा कसेगी।
सतर्क है कांग्रेस
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर सतर्क है। केंद्र की ओर से किया जा रहा एजेंसियों का उपयोग किसी से छिपा नहीं है। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक रहे प्रवीण सूद को सीबीआइ की कमान सौंपी है। उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए थे। ऐसे में पार्टी छापे जैसी कार्रवाई पर कदम उठाएगी।
Published on:
31 May 2023 12:42 pm
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