
यूं बढ़ा सकते हैं उत्पादन और आय
सवाल: अरहर के साथ कौन-कौन सी मिश्रित फसले बो सकते है?
जवाब: सिंचित क्षेत्रों में अरहर के साथ मूंग एवं उड़द की मिश्रित फसले बो सकते हैं।
सवाल: कपास की बुवाई कब करें?
जवाब- गेहूं की कटाई के बाद के खेत खाली होते ही कपास की बुवाई की जा सकती है।
सवाल: चौलाई की फसल कब बो सकते है?
जवाब: चौलाई की पूसा कीर्ति एवं पूसा किरण किस्में अप्रेल में बोई जा सकती है।
सवाल: गन्ना की किस्मों को उपचारित करते समय क्या सावधानी बरते?
जवाब: गन्ना की किस्मों को उपचारित करते समय दस्ताने पहनने चाहिए, इससे खरोंच से बचा सकता है।
सवाल: मई-जून में पालक की बुवाई कर सकते हैं ?
जवाब: गर्मियों में उत्पादन कम होने से सब्जियों की काफी मांग रहती है। सिंचित की व्यवस्था वाले किसानों को पालक की बुवाई कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहिए।
सवाल: खरपतवार के बीज गेहूं के बीज में मिलने से कैसे रोके ?
जवाब: गेहूं की फसल काटने से पहले खरपतवार को उखाड़ कर फेंक देवें, ताकि अनाज निकालते समय खरपतवार के बीज गेहूं में नहीं मिले।
सवाल: हरे फुदकों को सूरजमुखी की पत्तियों का रस चूसने से कैसे रोके ?
जवाब: प्रति हेक्टेयर फास्फेमिडान 250 मिलीलीटर का छिडक़ाव करें ?
सवाल: जायद में मूंग की बुवाई कब की जा सकती है?
जवाब: अप्रेल के प्रथम सप्ताह तक कर सकते हैं। उदड़ एवं मूंग की फसल में पत्ती खाने वाले कीटों की रोकथाम पर भी ध्यान देवें।
सवाल: गन्ने की दो कतारों के बीच क्या बोना चाहिए?
जवाब: दो कतारों के बीच मंूग की एक कतार बोई जा सकती है।
सवाल: बैंगन की फसल में तनाछेदक कीट की रोकथाम कैसे करें?
जवाब: नीमगिरी 4 फीसदी का छिडक़ाव 10 दिन के अंतराल पर करें।
सवाल: लहसुन एवं प्याज की खुदाई में क्या सावधानी बरते?
जवाब: खुदाई से 10-12 दिन पहले सिंचाई बंद कर देवें।
सवाल: नवजात पशु को दूध कब पिलाएं ?
जवाब: भैंस, गाय एवं बकरी आदि पशु के ब्यांत के बाद जल्द से जल्द नवजात पशु को उसकी मां का पीला दूध या यानी खींस पीलाना चाहिए। खींस में रोग प्रतिरोधक तत्व होते हैं।
सवाल: ब्याने वाले पशुओं की देखभाल में क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: ब्याने से दो माह पहले पशुओं का दुग्ध निकालना बंद कर देना चाहिए। अतिरिक्त खुराक देनी चाहिए। ब्याने से दस दिन पहले से उसे घर पर ही रखें।
सवाल: फसलों में फास्फोरस की कमी के लक्षण बताएं?
जवाब: पत्तियों का रंग बैंगनी या गहरा होना। पत्तियों के शिरे सूखना। पौधों की वृद्धि दर कम होना। पौधों पर रोग की अधिकता होना।
सवाल: पोटेशियम पौधों में क्या काम करता है?
जवाब: पत्तियों में शर्करा और स्टॉर्च के निर्माण में वृद्धि करता है। दानों का आकार एवं भार बढ़ाता है। नाइट्रोजन की दक्षता बढ़ता है। पौधे के पीला पडऩे एवं सूखने से बचाता है। पौधे में पानी की व्यवस्था नियंत्रित रखता है।
Published on:
01 Jun 2022 01:44 pm
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