
जयपुर। महात्मा गांधी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक की सूझबूझ से 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में एयर होस्टेस की जान बच सकी। एयर होस्टेस को सुप्रा वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (एसवीटी) का अटैक आया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। विमान में सवार जयपुर के डॉक्टर पुनीत रिझवानी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना उपकरण व दवा के कैरोटिड साइनस मसाज तकनीक से इलाज कर एयरहोस्टेस की जान बचाई।
उस फ्लाइट में सवार अस्पताल में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत रिझवानी ने बताया कि वे ऑस्ट्रिया से भारत लौट रहे थे। वियना से उड़ान भरने के बाद फ्लाइट जब मध्य एशिया की ओर बढ़ रही थी, तभी 25 वर्षीय एयर होस्टेस को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उसकी धड़कन असामान्य रूप से तेज़ हो गई। वह घबराकर लड़खड़ाने लगी।
पायलट इमरजेंसी लैंडिंग पर विचार ही कर रहे थे कि उन्होंने फ्लाइट में डॉक्टर की अनाउंसमेंट की। इसके बाद वे तुरंत आगे बढ़े और बिना किसी उपकरण के नाड़ी और धड़कन जांचकर स्थिति को पहचाना। उन्होंने एयर होस्टेस को भरोसा दिलाते हुए उसे शांत किया और बिना किसी इक्विपमेंट व दवा के कैरोटिड साइनस मसाज तकनीक से मरीज की जान बचाई है।
डॉक्टर पुनीत ने बताया कि इस तकनीक में जबड़े के नीचे करॉटिड आर्टरी को हल्के दबाव से 10 सेकंड तक दबाया जाता है। इससे कुछ ही क्षणों में उसकी धड़कन सामान्य हो गई और उसने राहत की सांस ली। खासबात है कि, उनकी तत्परता से न केवल एयर होस्टेस की जान बची, बल्कि फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग भी टल गई।
Published on:
09 Jul 2025 08:52 pm
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