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आखातीज पर बदला ठाकुरजी का भोग—राग, किया चंदन शृंगार

वैशाख शुक्ल तृतीया पर शुक्रवार को विशेष योग—संयोगों के बीच अक्षय तृतीया (आखातीज) (Akshaya Tritiya) मनाई गई। इसके साथ ही गोविंददेवजी (Govinddev ji temples) सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी के चंदन श्रंगार (chandan shringar) कर भोग—राग में बदलाव हुआ। अब ठाकुरजी को चंदन लेप कर ठंडी तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं पहनावे में सूती मखमल की पोशाक के साथ ठाकुरजी को धोती—दुपट्टा धारण करवाया जाएगा।

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आखातीज पर बदला ठाकुरजी का भोग—राग, किया चंदन शृंगार

आखातीज पर बदला ठाकुरजी का भोग—राग, किया चंदन शृंगार

आखातीज पर बदला ठाकुरजी का भोग—राग, किया चंदन शृंगार
— गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी को कराया जलविहार
— शीतल व्यंजनों व ऋतु फलों का लगाया भोग
— अब ठाकुरजी धारण करेंगे सूती पोशाक, धोती—दुपट्टा
— ठंडी तासीर के व्यंजनों का लगेगा भोग

जयपुर। वैशाख शुक्ल तृतीया पर शुक्रवार को विशेष योग—संयोगों के बीच अक्षय तृतीया (आखातीज) (Akshaya Tritiya) मनाई गई। इसके साथ ही गोविंददेवजी (Govinddev ji temples) सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी के चंदन श्रंगार (chandan shringar) कर भोग—राग में बदलाव हुआ। अब ठाकुरजी को चंदन लेप कर ठंडी तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं पहनावे में सूती मखमल की पोशाक के साथ ठाकुरजी को धोती—दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। ऋतु फलों आम, खरबूजा, तरबूज, ठंडाई, सत्तू आदि का भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिरों में जलविहार की झांकियों शुरू होगी, ठाकुरजी को नौका विहार कराया जाएगा। कोरोना के चलते मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी रही, लोगों ने ठाकुरजी के आॅनलाइन दर्शन किए।

शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में आखा तीज पर सुबह मंगला झांकी के बाद ठाकुरजी का अभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुरजी के चंदन लेप कर केसरिया रंग की नई धोती दुपट्टा पोशाक धारण करवाई गई। शीतलता प्रदान करने के लिए फव्वारा चलाकर ठाकुरजी को जलविहार कराया गया। कूलर सेवा शुरू की गई। इसके साथ ही मिट्टी के घड़े में पानी भरा गया। भोग में ठाकुरजी को बेसन के लड्डु, पांच तरह के फल, पंच मेवा, भीगी हुई दाल व सत्तु का भोग लगाया गया। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि अब ठाकुरजी सुबह धोती—दुपट्टा धारण करेंगे।
खजाने वालों का रास्ता स्थित श्रीबद्रीनाथ मंदिर में विशेष अभिषेक व पूजन हुआ। इसके बाद हवन और आरती हुई। चांदनी चौक स्थित देवस्थान विभाग के मंदिरश्री आनंद कृष्ण बिहारीजी में ठाकुरजी का अभिषेक कर झीने कपड़े की मखमल पोशाक धारण करवाई गई। ठाकुरजी के ऋतु फलों आम, खरबूजा, तरबूज, ठंडाई, सत्तू आदि का भोग लगाया गया। मंदिर पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा ने बताया कि अब ठाकुरजी के भोग राग में बदलाव कर दिया गया है। ठाकुरजी को ठंडी तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को गर्मी से बचाने के लिए सुगंधित द्रव्यों से मिले चंदन का उबटन कराया गया। ठंडी तासीर वाले फूलों से श्रृंगार कर ठाकुरजी को पीले रंग की चंदनयुक्त पोशाक धारण करवाया गई। मंदिर को चंदन महल के भावस्वरूप सजाया गया। इस दौरान आखातीज त्योहार आली..., जुगल कीनो चंदन श्रंगार... जैसे पदों का गायन किया गया। इसके साथ ही रामगंज बाजार स्थित मंदिरश्री लाडलीजी, अक्षयपात्र मंदिर, इस्कॉन मंदिर में ठाकुर जी की विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुरजी को आमरस सहित ऋतु फलों का भोग लगाया गया। जाट के कुंए का रास्ता स्थित श्रीनिर्विकारेश्वर महादेव मंदिर में जलयात्रा झांकी सजाई गईं

दिनभर रहे योग, लोगों ने लिया दान का संकल्प
आखा तीज पर दिनभर राजयोग रहा। लक्ष्मी नारायण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व गजकेसरी योग भी बना। ऐसे में इसदिन लोगों ने दान—पुण्य का विशेष महत्व होने से दान का संकल्प लिया। सूर्यदेव रात 11 बजकर 23 मिनट पर हाथी पर सवार होकर वृष राशि में प्रवेश करेंगे।