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जयपुर. सांगानेर में नाबालिग चचेरे भाइयों के खिलाफ दर्ज मुकदमें में जमानत करवाने के एवज मेें 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाला हैड कांस्टेबल तेजराम एसीबी की पकड़ में नहीं आया है। एसीबी उसको तलाश रही है। जबकि गिरफ्तार दलाल हनुमान को कोविड 19 की जांच करवाने के बाद जेल भिजवा दिया। फरियादी रमेश ने बताया कि अस्पताल में पत्नी का इलाज नहीं करने पर बेटे व भतीजे की अस्पतालकर्मियों से कहासुनी हुई थी। तब उनकी गाड़ी भी पुलिस ने जब्त कर ली थी। तब कोर्ट से वाहन छुड़ाने के बदले में सांगानेर थाने के संबंधित एक कांस्टेबल ने 20 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। जबकि हैड कांस्टेबल तेजराम और दलाल हनुमान बच्चों की जमानत करवाने के नाम पर 50 हजार रुपए व शराब की बोतल रिश्वत में मांग रहे थे। रमेश ने बताया कि जब हैड कांस्टेबल को कहा कि थाने के कांस्टेबल को 20 हजार रुपए दे चुके हैं। 50 हजार रुपए बहुत अधिक है। तब हैड कांस्टेबल ने कहा कि मेरी तुलना कांस्टेबल से नहीं कर। मैंने बताई, जितनी रकम ले आ।
दलाल फर्जी कांस्टेबल बनकर घूमता
फरियादी रमेश ने बताया कि एसीबी के पकड़े जाने के बाद पता चला था कि हनुमान कांस्टेबल नहीं है, वह तो दलाल है। जबकि कई बार हनुमान कांस्टेबल बनकर घर पर धमकी देने आया। कई बार उसे दूसरी जगह रिश्वत के रुपयों की बातचीत के लिए बुलाया हैड कांस्टेबल ने भी हनुमान को कांस्टेबल बता रखा था। रमेश ने कहा कि दलाल हनुमान ने एक बार धमकी दी कि तू जानता नहीं है, पुलिस कीतनी जल्लाद होती है। हनुमान ने यहां तक कहा कि तुझे पता नहीं है क्या? पैसे ऊपर तक देने पड़ते हैं। फरियादी ने एसीबी में कांस्टेबल द्वारा 20 हजार रुपए वसूले जाने की भी शिकायत की है।
Published on:
13 Jun 2020 01:19 am
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