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सरकार ने की वादाखिलाफी, अब 22 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर कार्मिक, 6500 वेटरनरी संस्थानों पर तालाबंदी

लम्पी स्किन डिजीज जैसे संक्रामक रोग के बढ़ते प्रकोप के बीच राज्य की पशुपालन विभाग के 10,000 कार्मिक 22 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी में हैं। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश की 6500 वेटरनरी संस्थानों पर तालाबंदी हो जाएगी और इसका असर उस गोवंश के इलाज़ पर पड़ेगा जो लम्पी से संक्रमित है क्योंकि जिन कार्मिकों के अवकाश पर जाने का एलान किया है वह् पशु पालन विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी है और पशु धन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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Rakhi Hajela

Aug 09, 2022

Rakhi Hajela

जयपुर।
लम्पी स्किन डिजीज जैसे संक्रामक रोग के बढ़ते प्रकोप के बीच राज्य की पशुपालन विभाग के 10,000 कार्मिक 22 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी में हैं। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश की 6500 वेटरनरी संस्थानों पर तालाबंदी हो जाएगी और इसका असर उस गोवंश के इलाज़ पर पड़ेगा जो लम्पी से संक्रमित है क्योंकि जिन कार्मिकों के अवकाश पर जाने का एलान किया है वह् पशु पालन विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी है और पशु धन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मामला दरअसल राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ की 11 सूत्रीय मांगों से जुड़ा हुआ है। जिन्हें लेकर संघ के बैनर तले पशुपालन विभाग के कार्मिक तकरीबन एक माह तक धरने और आमरण अनशन पर रहे थे। इसके बाद सरकार से मिले वार्ता प्रस्ताव में संघ की सभी 11 सूत्रीय मांगों पर को लेकर तीन माह में आदेश जारी करने पर सहमति बनी और संघ ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया लेकिन अब चार माह बाद भी एक भी मांग पर लिखित आदेश जारी नहीं हुए। ऐसे में संघ के बैनर तले कार्मिकों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है।

यह भी पढ़ें : – राजस्थान में दो लाख 1907 गोवंश लम्पी से संक्रमित, 10 हजार 882 गोवंश की मौत

अपनी मांग को लेकर पिछले दिनों कार्मिको ने पशु पालन मंत्री से भी मिलने का प्रयास किया था लेकिन उनकी मंत्री से वार्ता नहीं हो सकी। हांलांकि पिछले दिनों विभाग की समीक्षा बैठक के बाद मिडिया से बात करते हुए मंत्री लाल चन्द् कटारिया ने कार्मिको से बात किये जाने की बात कहीं थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यदि वेटरनरी संस्थानों पर तालाबंदी होती है तो इसका असर पशुपालको औरपशुधन पर बढ़ेगा। प्रदेश में पहले से ही लम्पी स्किन डिजीज से कई जिलों में हज़ारों गोवंश की मौत हो चुकी है।

यह है संघ की मांगें
पशुधन सहायक का वेतनमान व अन्य सुविधाएएं मेडिकल नर्स के समान की जाएं।
पशु चिकित्सा सहायक को हार्ड ड्यूटी भत्ता दिया जाए
पशुधन सहायक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि तीन साल और छह माह की इंटर्नशिप निर्धारित की जाए
राजस्थान वेटरनरी नर्सिंगग कौंसिल की स्थापना हो
पशुधन सहायक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का नाम पशु चिकित्सा विज्ञानव पशुपालन में डिप्लोमा किया जाए
पशु चिकित्सा कार्मिकों का पदनाम पर्रिवर्तन किया जाए
पशु औषधालयों और पशु चिकित्सा उपकेंद्रों पर सहायक कर्मचारी सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं
पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला तकनीशियन और रेडियोग्राफर के पद सृजित किए जाएं
राजपत्रित अवकाश के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश की सुविधा मिले
पशु चिकित्सा कार्मिकों को जुनोटिक बीमारियों से बचाच के संसाधन उपलब्ध करवाए जाए
कोविड में दिवंगत हुए कार्मिकों को 50 लाख रुपए की राशि दी जाए