20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: सूझबूझ और तत्परता ने बचाई अनुज की जान, जानिए वो 3 फैसले जो रेस्क्यू ऑपरेशन में रहे अहम

अनुज की मां ने बातचीत के दौरान बदमाशों को किसी प्रकार का शक नहीं होने दिया। मां ने कहा, ‘कपड़े सिलाई करती हूं, पिता ऑटो चलाते हैं, कहां से 20 लाख आएंगे। इधर पुलिस, इस समय तक अपहरणकर्ता को पकड़ने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर चुकी थी।

2 min read
Google source verification
Anuj kidnapping case Jaipur : Know how jaipur police carried out the rescue operation

जयपुर। कमिश्नरेट पुलिस ने नाहरगढ़ के जंगल से अपहृत हुए एक युवक को हिमाचल प्रदेश से सकुशल मुक्त करवाया है। अपहरणकर्ता गैंग 18 अगस्त को युवक को नींद की गोलियां खिलाकर व नशीला इंजेक्शन लगाकर हिमाचल प्रदेश ले गई थी। वहीं उसके दोस्त से मारपीट कर पैर बांधकर जंगल में पटक गई थी। अपहरण के 24 घंटे बाद आरोपियों ने पीड़ित के ऑटो चालक पिता को फोन कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि प्रकरण में मास्टर माइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर व उसकी प्रेमिका सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले में अपहृत युवक अनुज के परिजन की सूझबूझ और पुलिस की तत्परता अहम रही। जानिए वो 3 फैसले जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रहा अहम...

पहला- परिजन ने दिखाई हिम्मत व सूझबूझ

अनुज की माता- ममता ने इस पूरे मामले में हिम्मत और सूझबूझ दिखाई। उन्होंने बेटे के पकड़े जाने तक अपहरणकर्ता द्वारा किए गए हर एक कॉल का जवाब दिया। इसके बाद फौरन पुलिस को सूचित किया और मामले को गुप्त ( केवल परिजन और पुलिस तक सीमित ) रखा गया। अनुज की मां ने बातचीत के दौरान बदमाशों को किसी प्रकार का शक नहीं होने दिया। मां ने कहा, ‘कपड़े सिलाई करती हूं, पिता ऑटो चलाते हैं, कहां से 20 लाख आएंगे। इधर-उधर से मांगकर 5 लाख की व्यवस्था कर सकते हैं।’ इधर पुलिस, इस समय तक अपहरणकर्ता को पकड़ने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर चुकी थी। जिसमें एक तेज-तर्रार पुलिसकर्मी को अनुज की मां का भाई बनाया गया।

यह भी पढ़ें : जयपुर से युवक का किया किडनैप, बदमाश ले गए हिमाचल, फिरौती लेकर ट्रेन से पहुंची मां

दूसरा- पुलिस ने भी गोपनीय रखा मामला

एडिशनल डीसीपी रानू शर्मा ने कहा कि कोटा में पदस्थ रहने के दौरान हुआ रुद्राक्ष अपहरणकांड याद आ गया। यह अपहरणकांड सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण अपहरणकर्ता ने बच्चे की हत्या कर दी थी। इसीलिए इस मामले में गोपनीयता बरती गई।

तीसरा- पुलिस की तत्परता व ठोस एक्शन प्लान

इस पूरे मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाई और अपहरणकर्ता को पकड़ने के लिए ठोस एक्शन व बैकअप प्लान तैयार किया। प्लान के मुताबिक, अनुज के माता-पिता फिरौती के 20 लाख रुपए आरोपियों के बताए स्थान पर लेकर पहुंचें। माता-पिता काफी गिड़गिड़ाए कि वे इतने रुपए कहां से लेकर आएंगे। उसके बाद पुलिस ने उन्हें हिम्मत बंधाई। अपहरणकर्ता के बताए अनुसार अनुज की मां अपने भाई (पुलिसकर्मी) के साथ हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गई। पुलिस की तीन टीमों ने पहले ही यहां मोर्चा संभाल रखा था।

आरोपियों ने पहले चंडीगढ़ से 20 किलोमीटर दूर काली माता मंदिर में अनुज की मां को कई घंटे बैठाए रखा। फिर वापस रेलवे स्टेशन भेज दिया। फिर शिमला जाने वाली ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठने को कहा। ट्रेन के साथ पुलिस की सादा वर्दी में तीन गाड़ियां चल रही थीं। आरोपियों ने धर्मपुर स्टेशन पर रुपए रखा बैग फेंकने के लिए कहा, लेकिन अनुज की मां ने पुलिस के कहे अनुसार बदमाशों को चार मिनट तक फोन पर उलझाए रखा। इस दौरान पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की लोकेशन ट्रेस कर दो को पकड़ लिया।